छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड पड़ी. कथित शराब घोटाले के धनशोधन मामले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ ईडी ने यह एक्शन लिया. इसको लेकर अब खुद कांग्रेस नेता भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बताया है कि ईडी को उनके घर से क्या मिला.
भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पोस्ट कर जानकारी दी है, “मेरे घर में उनको तीन चीजें मिली हैं- मंतूराम और डॉ पुनीत गुप्ता (डॉ रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत की पेनड्राइव, डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषाक सिंह की सेल कंपनी के कागज, पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, “कैश इन हैंड” मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए, जिनका हिसाब उनको दिया जाएगा.” वहीं, भूपेश बघेल ने दावा किया है कि ED के अधिकारी कोई ECIR नंबर नहीं दे पाए हैं.
‘मैं अखबार पढ़ रहा था और तभी ईडी आ गई’
अपने घर पर ED की छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा, ” मैं अखबार पढ़ रहा था और चाय पी रहा था, तभी ED की टीम आई. मैंने उनसे कहा कि उनका स्वागत है और मैं महीनों और सालों से उनका इंतजार कर रहा था. मेरी पत्नी, तीन बेटियां, बेटा, बहू, पोते और पोतियां यहां रहते हैं.”
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, “हम खेती करते हैं. हम संयुक्त परिवार में 140 एकड़ ज़मीन पर खेती करते हैं. हमारे पास वही था जो हमने घोषित किया था. उन्होंने इसकी जांच की. अलग-अलग लोगों से 33 लाख रुपये नकद मिले- मेरी पत्नी, बेटा, बहू और बेटियों से. हम खेती भी करते हैं और डेयरी भी चलाते हैं. इसमें स्त्रीधन भी शामिल है. हमने उनसे कहा कि हम उन्हें लिखकर देंगे कि उन्हें हमारे घर से 30-33 लाख रुपये मिले हैं.”
‘विधानसभा में सवाल पूछो तो ईडी आ जाती है’- भूपेश बघेल
भूपेश बघेल का दावा है कि छापेमारी के दौरान ऐसा माहौल बनाया गया कि नोट गिनने वाली मशीनें लाई गई हैं. मुझे नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी रकम है. यह साफ है कि अब विधानसभा में सवाल पूछना अपराध हो गया है. कवासी लखमा ने सवाल पूछे और ED उनके घर पर पहुंच गई. 8 दिन के अंदर उन्हें जेल हो गई. मैंने विजय शर्मा से गरीबों के लिए आवास के बारे में पूछा. चौथे दिन, ईडी मेरे आवास पर आ गई.