छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था। इसके बाद भूपेश और चैतन्य के वकील हर्षवर्धन परगनिया ने याचिका दायर की है।
दरअसल, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं।
ED के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।
जानिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को क्या कहा था ?
दरअसल, सोमवार को पूर्व CM भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। ED के मामलों को लेकर लगाई अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था, जबकि दूसरी याचिका पर 6 अगस्त को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि दोनों ने एक ही याचिका में PMLA के कई सेक्शन को चुनौती देने के साथ-साथ जमानत जैसी व्यक्तिगत राहत की मांग भी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘जब किसी मामले में कोई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल होता है, तो वो सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करता है।
कोर्ट ने कहा था कि अगर हम ही सब केस सुनेंगे तो बाकी अदालतें किस लिए हैं। अगर ऐसा ही होता रहा तो फिर आम आदमी कहां जाएंगे। एक साधारण आदमी और वकील के पास पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट में कोई स्पेस ही नहीं बचेगा।
भूपेश बघेल ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की कुछ धाराओं की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। याचिका क्रमांक 303 में उन्होंने मुख्य रूप से धारा 45 की व्याख्या को चुनौती दी थी।
मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय-माल्या बागची की बेंच में हुई। भूपेश बघेल की ओर अलग-अलग अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी, जिसमें एक ED और उसके उप निदेशक के खिलाफ है। वहीं, दूसरी याचिका CBI, छत्तीसगढ़ राज्य और उत्तर प्रदेश राज्य के खिलाफ है।
इसके साथ ही भूपेश ने बेटे चैतन्य ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। उन्होंने ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वहीं EOW की गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई है।
राजनीतिक द्वेष में फंसाकर हुई गिरफ्तारी- बघेल
दयर याचिका में पूर्व सीएम बघेल ने कहा था कि, जैसे उनके बेटे चैतन्य बघेल को राजनीतिक द्वेष में फंसाकर गिरफ्तार किया गया, वैसे ही उन्हें भी टारगेट किया जा सकता है। बघेल का कहना है कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई हो सकती है।
वहीं शराब घोटाला केस में रायपुर जेल में बंद भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड फिर बढ़ गई है। चैतन्य को 18 अगस्त तक 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। 14 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद चैतन्य को सोमवार को ED की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के शराब, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जांच के दायरे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED), आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले की जांच कर रही है।