भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (King Jigme Khesar Namgyel Wangchuck) और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे (Dasho Tshering Tobgay) ने मंगलवार को गुजरात के खावड़ा स्थित अदाणी ग्रुप के रिन्यूएबल एनर्जी साइट और मुंद्रा पोर्ट का दौरा किया. इस दौरान भूटान के राजा और प्रधानमंत्री से अदाणी ग्रुप के चैयरमैन गौतम अदाणी ने मुलाकात की. अदाणी ने इसकी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की हैं.
गौतम अदाणी ने कहा, “भूटान की जीवंत भावना और इको-फ्रेंडली पहल के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से काफी प्रेरणा मिलती है. हम एक सस्टेनेबल और ग्रीन फ्यूचर के लिए ‘लैंड ऑफ थंडर ड्रैगन’ के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी भूमिका को लेकर खासे उत्साहित हैं.”
Immensely grateful to His Majesty King Jigme Khesar Namgyel Wangchuck of Bhutan and Hon. @PMBhutan Dasho Tshering Tobgay for visiting Adani's 30 GW Renewable Energy site at Khavda and Mundra Port. Deeply inspired by Bhutan’s vibrant spirit and steadfast commitment to eco-friendly… pic.twitter.com/ZsIotDYC2g
— Gautam Adani (@gautam_adani) July 23, 2024
भूटान को लैंड ऑफ थंडर ड्रैगन भी कहा जाता है. क्योंकि इस देश का स्थानीय नाम ड्रक युल है. इसका मतलब होता है ड्रैगन का देश. भूटान के लोग अपने घरों को ड्रक युल भी कहते हैं.
गुजरात के कच्छ में अपने खावड़ा प्लांट में अदाणी ग्रुप दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बना रही है. अदाणी ग्रुप की कंपनी ग्रीन एनर्जी अगले 5 सालों में रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट पर 30 गीगावाट (GW) की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट करेगी. ये एनर्जी पार्क खावड़ा में 538 स्क्वायर किमी बंजर जमीन पर लगभग मुंबई के आकार का होगा. काम शुरू करने के एक साल के अंदर कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए प्लान्ड टोटल 30GW में से 2GW का ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
खावड़ा प्रोजेक्ट के एक्सटेंशन पर 1.5 लाख करोड़ रुपये के अलावा अदाणी ग्रीन 2030 तक अन्य स्थानों पर 6-7 गीगावाट के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.