अयोध्या :भारत-भूटान की मित्रता और सांस्कृतिक रिश्तों को नए आयाम देते हुए भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे शुक्रवार सुबह रामनगरी अयोध्या पहुंचे. सुबह 9:30 बजे उनका विमान महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, जहां प्रदेश सरकार की ओर से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रेड कार्पेट पर उनका स्वागत किया.
प्रधानमंत्री टोबगे अपनी पत्नी ओम ताशी डोमा के साथ भारत की 3 से 6 सितंबर तक की आधिकारिक यात्रा पर हैं. अयोध्या प्रवास में उनका कार्यक्रम करीब चार घंटे का है. इस दौरान वे राम मंदिर, हनुमानगढ़ी समेत प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन करेंगे.
उनकी सुरक्षा को लेकर अभूतपूर्व इंतज़ाम किए गए हैं. एयरपोर्ट से राम मंदिर तक के पूरे मार्ग पर पीएसी, सीआरपीएफ, एसएसएफ, एटीएस और एसटीएफ के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे. हाईवे के एक लेन को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया.
दर्शन-पूजन के बाद विशेष भोज का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। दोपहर 1:30 बजे भूटानी प्रधानमंत्री अयोध्या से दिल्ली रवाना होंगे.
इससे पहले उन्होंने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय और राजगीर स्थित रॉयल भूटान मंदिर का लोकार्पण किया था. उनका यह दौरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि कूटनीतिक व सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है.
भारत-भूटान संबंधों की नींव 1865 की सिनचुला संधि से पड़ी थी. आज, जब हिमालयी क्षेत्र में चीन का बढ़ता दखल भारत के लिए चुनौती है, तब भूटान के साथ रिश्तों की यह मजबूती विशेष मायने रखती है.
अयोध्या का यह दौरा निश्चित तौर पर रामलला की नगरी से हिंदू-बौद्ध सांस्कृतिक रिश्तों को और गहराई देगा.