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केदारनाथ में बड़ा हादसा… भीमबली में पहाड़ मंदाकिनी नदी पर गिरा, बना तालाब

11 अगस्त 2024 की दोपहर केदारनाथ के भीमबली में भयानक भूस्खलन हुआ. एक पूरा पहाड़ खिसक कर मंदाकिनी नदी में गिर गया. वहां आ-जा रहे यात्रियों ने इस नजारे का वीडियो बनाया. वीडियो में दिख रहा है कि कैसे पूरा का पूरा पहाड़ नदी में समा रहा है. पहाड़ के मलबे से नदी का रास्ता रुक गया.

मंदाकिनी नदी के ऊपरी हिस्से की तरफ तालाब बन गया. अच्छी बात ये थी कि इस हादसे में किसी जान नहीं गई. कोई नुकसान नहीं हुआ. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि 11 अगस्त को अपराह्न में भीमबली हेलीपैड के सामने नदी पार पहाड़ी से भूस्खलन हुआ. इससे मंदाकिनी नदी में पानी रुक गया.

रजवार ने बताया कि वहां तालाब बन गया था. जो अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. किसी प्रकार से जान माल की कोई क्षति नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक अलर्ट जारी कर दिया गया है. उन्होंने नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति नदी के ओर न जाए. सतर्क रहें.

अप्रैल 2024 में ही ISRO ने खुलासा किया था कि हिमालय पर 2431 ग्लेशियल लेक्स हैं. जिनमें से 676 झीलों का आकार लगातार बढ़ा है. इनमें से 130 भारतीय इलाके में हैं. इन झीलों के टूटने का खतरा बरकरार है. ग्लोबल वॉर्मिंग से इन ग्लेशियल झीलों पर खतरा मंडरा रहा है. यहां तो ग्लेशियर की बात है लेकिन ऐसे हादसे भूस्खलन से भी हो सकते हैं. पहाड़ टूटकर किसी नदी का रास्ता रोकेंगे तो नदी एक न एक दिन उसे तोड़कर आगे बढ़ेगी. इससे भयानक हादसा होगा.

1984 से 2023 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हिमालय में 2431 झीलें ऐसी हैं, जो आकार में 10 हेक्टेयर से बड़ी हैं. जबकि 1984 से अब तक 676 झीलें ऐसी हैं, जिनके क्षेत्रफल में फैलाव हुआ है. इनमें से 130 भारत में मौजूद हैं. सिंधु नदी के ऊपर 65, गंगा के ऊपर सात और ब्रह्मपुत्र के ऊपर 58 ग्लेशियल लेक्स बनी हैं.

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