विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की है कि भारत ने 2024 में ट्रैकोमा बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है. भारत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में तीसरा देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. इस बीमारी के खिलाफ 1963 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के सहयोग से भारत सरकार ने एक परियोजना शुरु की गई थी.
भारत ने इस वर्ष 2024 में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है. देश अब ट्रैकोमा बीमारी से मुक्त हो गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की है कि भारत ने 2024 में ट्रैकोमा बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है.
यानी इस बीमारी का उन्मूलन हो गया है.भारत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में तीसरा देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले नेपाल और म्यांमार भी दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में ट्रैकोमा को समाप्त करने वाले देश हैं .विश्व स्तर पर 19 देश ट्रैकोमा को समाप्त करने में सफल रहे हैं.
इस मामले में जानकारी देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा, भारत की ट्रैकोमा के रूप में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या को समाप्त करने की उपलब्धि देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण है जो लाखों लोगों को इस दर्दनाक बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए है.
भारत सरकार की तारीफ करते हुए संगठन के महानिदेशक ने कहा कि भारत की इस उपलब्धि के पीछे सरकार की मजबूत नेतृत्व और स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रतिबद्धता है.
यूनिसेफ में सहयोग से शुरु हुआ परियोजना
देश में इस बीमारी के खिलाफ 1963 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के सहयोग से एक परियोजना शुरु की गई थी. भारत सरकार ने पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में व्यापक ट्रेकोमा नियंत्रण गतिविधियों कार्यक्रम के साथ साथ एक राष्ट्रीय ट्रेकोमा नियंत्रण कार्यक्रम विकसित करने का निर्णय लिया था. जिन राज्यों में यह बीमारी फैलने की संभावना ज्यादा थी उनमें पंजाब 79.1 %, राजस्थान 74.2%, उत्तर प्रदेश 68.1%. इसके अलावा गुजरात 56%, मध्य प्रदेश 41.3%, बिहार 30% और जम्मू और कश्मीर 60% में ट्रेकोमा नियंत्रण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया था .