क्रिप्टो स्कैम केस: ED का बड़ा एक्शन, US अदालतों में वॉन्टेड आरोपी का 1,646 करोड़ बिटकॉइन जब्त

नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बीच अहमदाबाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सतीश कुंभानी, दिव्येश दर्जी और अन्य से जुड़े BitConnect स्कैम के सिलसिले में करीब 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है. अपराध की आय मानी जाने वाली संपत्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बरामद की गई हैं.

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US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) ने भारतीय नागरिक और क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म BitConnect के संस्थापक सतीश कुंभानी और प्लेटफॉर्म के डायरेक्टर ग्लेन आर्कारो पर एक बड़ी Ponzi स्कीम की साजिश रचने का आरोप लगाया है. DOJ के मुताबिक, इस योजना ने इन्वेस्टर्स से करीब 2.4 बिलियन डॉलर की ठगी की गई, जो इसे इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में से एक बनाती है. सतीश कुंभानी अमेरिकी अदालतों में वांछित आरोपी हैं. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी के दफ्तर ने कहा, “BitConnect स्कीम को अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी स्कैम माना जाता है.”

जांच में क्या पता चला?

ईडी ने CID, क्राइम, सूरत द्वारा दर्ज FIR के आधार पर PMLA के तहत जांच शुरू की. इसमें पता चला कि आरोपियों ने इन क्रिप्टोकरेंसी को वैध आय के बजाय धोखाधड़ी वाली योजनाओं के जरिए अवैध रूप से हासिल किया था.

नवंबर 2016 और जनवरी 2018 के बीच, आरोपियों ने BitConnect के तथाकथित ‘लेंडिंग प्रोग्राम’ के जरिए एक अनरजिस्टर्ड और धोखाधड़ी वाली इन्वेस्टमेंट स्कीम बनाई. इस प्रोग्राम ने भारत और दुनिया भर के निवेशकों को लुभाने के लिए इन्वेस्टमेंट पर हाई रिटर्न का झूठा वादा किया.

इन्वेस्टर्स को दिखाया गया फर्जी प्रॉफिट

BitConnect के फाउंडर और उनके प्रमोटर्स के नेटवर्क ने इन्वेस्टर्स को अपनी वेबसाइट पर फर्जी मुनाफा दिखाया, जिसमें करीब 3,700 फीसदा का वार्षिक रिटर्न देने का वादा किया गया. हालांकि, जांच में पाया गया कि सच में कोई ट्रेडिंग नहीं हुई थी.

कई सर्च ऑपरेशन के दौरान ईडी ने इन क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने वाले डिजिटल डिवाइस बरामद किए और उन्हें ईडी के कोल्ड वॉलेट में ट्रांसफर करके जब्त कर लिया. इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 489 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की थी. घोटाले की इंटरनेशनल पहुंच ने अमेरिकी अधिकारियों का भी ध्यान खींचा है.

रिपोर्ट्स में पता चला है कि BitConnect में इन्वेस्ट करने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल थे और मुख्य आरोपी सतीश कुंभानी की अमेरिका में जांच चल रही है. कुंभानी के साथ-साथ, ग्लेन आर्कारो (अमेरिकी नागरिक और BitConnect के प्रमुख प्रमोटर) को दुनिया भर के निवेशकों को धोखा देने का दोषी पाया गया. अमेरिका की एक कोर्ट ने आर्कारो को 40 देशों के 800 पीड़ितों को 17.6 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया.

ईडी बिटकनेक्ट मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है और धोखाधड़ी वाले अन्य ट्रांजैक्शन का पता लगाने और गलत तरीके से इस्तेमाल की गई संपत्तियों को बरामद करने के लिए इंटरनेशनल एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है.

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