मध्यप्रदेश: रीवा में शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसने के लिए रीवा कलेक्टर द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, शिक्षा माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. रीवा में लोकल स्तर की डुप्लीकेट किताबों और तय रेट से दोगुनी-तिगुनी कीमत पर किताबों की बिक्री का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद, शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने बुक सेंटरों पर छापेमारी की. शहर के सुभाष चौक स्थित आजाद बुक सेंटर में प्रशासन की टीम ने छापा मारा और कई किताबें जब्त कीं. दुकान के अंदर रखी किताबों का स्टॉक और बिक्री के दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं.
इस कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार यतिक शुक्ला, शिक्षा विभाग के अधिकारी और पुलिस बल मौजूद रहे. जैसे ही आजाद बुक सेंटर में यह कार्रवाई शुरू हुई, कई अन्य दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भागते नजर आए. जब अधिकारियों ने दुकानदार से किताबों की खरीद और बिक्री के दस्तावेज मांगे, तो वह उन्हें उपलब्ध नहीं करा पाए. फिलहाल, कार्रवाई टीम द्वारा दुकान के अंदर रखी किताबों की सूची तैयार की जा रही है और किताबों के असली और नकली होने का पता लगाने के लिए कई किताबें जब्त की गई हैं.
बताया जा रहा है कि रीवा कलेक्टर को मिली शिकायत के बाद रीवा शहर के विभिन्न बुक सेंटरों में कार्रवाई की सूची तैयार की गई है. पहली ही कार्रवाई के बाद अब व्यापारियों में भगदड़ का माहौल है. शिकायत के बारे में पूछे जाने पर सहायक संचालक राजेश मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से शिकायत मिली थी कि एनसीईआरटी की किताबें दो-तीन गुना ज्यादा रेट पर बेची जा रही हैं. यह भी पता चला है कि कुछ किताबें डुप्लीकेट बेची जा रही हैं और वास्तविक एनसीईआरटी की नहीं, बल्कि लोकल किताबें दी जा रही हैं. उन्होंने बताया कि कुछ किताबें जब्त कर ली गई हैं, जिनकी वास्तविकता की पुष्टि की जाएगी.
दुकानदार बिल देने से मना कर रहे हैं और स्टॉक रजिस्टर व बिल उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि बिल सीए के पास है और वे कल उपलब्ध करा देंगे. राजेश मिश्रा ने यह भी बताया कि अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की जा रही है, जहां-जहां शिकायतें मिल रही हैं उनका प्रयास है कि बच्चों और अभिभावकों को सही रेट पर किताबें मिलें और ज्यादा रेट पर या डुप्लीकेट किताबें उपलब्ध कराने की कोई शिकायत न मिले.