इटावा/जसवंतनगर: नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे ओएसडी रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ विजिलेंस विभाग की कार्रवाई तेज हो गई है.शनिवार को विजिलेंस टीम ने उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के जसवंतनगर में स्थित स्कूल पर छापेमारी की.इस दौरान टीम को करोड़ों रुपये की अकूत संपत्ति, आभूषण और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं.
16 करोड़ का आलीशान आवास
विजिलेंस टीम को जांच में पता चला है कि रविंद्र सिंह यादव का नोएडा के सेक्टर-47 में स्थित आवास तीन मंजिला है. जिसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये आंकी गई है.यह आवास उनके ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक मूल्य का है.
इटावा के जसवंतनगर में रविंद्र सिंह यादव के बेटे के नाम पर एक लग्जरी स्कूल संचालित किया जा रहा है.इस स्कूल में करीब 2 करोड़ रुपये का फर्नीचर और एक करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गई 10 बसें बरामद हुई हैं.विजिलेंस का मानना है कि यह स्कूल भी उनके अवैध धन से बनाया गया है.
करोड़ों के आभूषण और नकदी बरामद
विजिलेंस टीम ने रविंद्र सिंह यादव के घर से करीब 70 से 75 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए हैं.इन आभूषणों के दस्तावेज उनके परिवार के सदस्य पेश नहीं कर पाए हैं.इसके अलावा, उनके घर से 40 लाख रुपये का अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी मिला है.
विदेश यात्रा और बैंक खातों की जांच जारी
विजिलेंस टीम ने रविंद्र सिंह यादव का पासपोर्ट भी जब्त किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कितनी बार विदेश यात्रा की है.साथ ही, उनके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है.
आय से अधिक संपत्ति का आरोप
विजिलेंस विभाग के अनुसार, रविंद्र सिंह यादव ने 2005 से 2018 के बीच अपनी ज्ञात आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है.उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है.
निलंबन के बाद कार्रवाई
गौरतलब है कि रविंद्र सिंह यादव को कुछ महीने पहले ही आय से अधिक संपत्ति के आरोप में निलंबित किया गया था.उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज थीं, जिनमें जमीन आवंटन में अनियमितता और अथॉरिटी की संपत्तियों का दुरुपयोग शामिल था.
विजिलेंस की जांच जारी
विजिलेंस विभाग ने रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ जांच तेज कर दी है.टीम द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों का गहन अध्ययन किया जा रहा है.जांच पूरी होने के बाद रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नोएडा अथॉरिटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई
यह कार्रवाई नोएडा अथॉरिटी में जारी भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा मानी जा रही है.उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है.