खाद्य स्वच्छता और सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए जारी अभियान के तहत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने एक अप्रैल से 30 जून के बीच एक हजार से ज्यादा प्रतिष्ठानों को सील कर दिया और 3,100 से ज्यादा को नोटिस जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की सब-फूड हाइजीन रेड ड्राइव के तहत की गई कार्रवाई में सभी 12 एमसीडी क्षेत्रों को शामिल किया गया और जुर्माने के जरिए 78 लाख रुपये से ज्यादा का राजस्व वसूला गया है.
5 हजार से ज्यादा जगहों पर छापे
नगर निगम ने मांस की दुकानों, ढाबों, रेस्टोरेंट, जूस कॉर्नर और मिठाई की दुकानों सहित कुल 5,040 जगहों का निरीक्षण किया. आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 1,029 परिसर स्वास्थ्य या लाइसेंसिंग मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए और उन्हें सील कर दिया गया.
इसके अतिरिक्त, स्वच्छता और सुरक्षा नियमों का पालन न करने पर 3,107 नोटिस जारी किए गए और 1,038 चालान काटे गए. सेंट्रल जोन (CZ), साउथ जोन (SZ) और वेस्ट जोन (WZ) जैसे क्षेत्रों में यह कार्रवाई विशेष रूप से तेज़ रही, जहां बड़ी संख्या में निरीक्षण और उसके बाद की कार्रवाई की गई.
एमसीडी के सभी जोन में एक्शन
अकेले सेंट्रल जोन ने 840 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया और 237 यूनिट को सील किया, जो सभी क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा है. इसने 381 नोटिस भी जारी किए और 81 चालान भी दाखिल किए. आंकड़ों के अनुसार, वेस्ट जोन में 640 संपत्तियों पर छापे मारे गए, 157 को सील किया गया और 193 नोटिस जारी किए गए.
साउथ जोन ने 561 निरीक्षण किए, 151 संपत्तियां सील कीं और 197 नोटिस जारी किए. नॉर्थ जोन (NZ) और रोहिणी ज़ोन (RNZ-1 और RNZ-2) में भी बड़ी संख्या में कार्रवाई की गई, जिनमें से हर जोन में 60 से ज़्यादा दुकानें सील की गईं और कई नोटिस जारी किए गए.
सुरक्षित खान-पान के लिए पहल
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य घनी आबादी वाले इलाकों, खासकर स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास स्थित अवैध और अनहाइजीनिक फूड आउटलेट पर फोकस था. अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मकसद हानिकारक भोजन से होने वाली बीमारियों पर रोक लगाना और जनता के लिए सुरक्षित खान-पान सुनिश्चित करना है.
इस कार्रवाई का वित्तीय प्रभाव भी काफ़ी रहा. एमसीडी ने तीन महीने के दौरान जुर्माने और दंड के रूप में कुल 78,70,124 रुपये वसूले. इसमें संपत्ति संबंधी उल्लंघनों से 21,74,927 रुपये, स्वास्थ्य चालानों से 21,74,927 रुपये, खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों से 6,66,270 रुपये और स्वच्छता संबंधी जुर्माने से 27,54,000 रुपये शामिल हैं. सबसे ज्यादा राजस्व वेस्ट जोन (18,29,020 रुपये) से हासिल हुआ, उसके बाद साउथ जोन और सेंट्रल जोन का नंबर आता है.
प्रतिष्ठानों को सील करने और दंडित करने के अलावा, एमसीडी ने बार-बार उल्लंघन करने वालों की पहचान करने, फॉलोअप-चेकिंग करने और जरूरत के हिसाब से आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के साथ कॉर्डिनेट करने के लिए भी कदम उठाए. यह डेटा बुधवार को आयोजित स्थायी समिति की बैठक के दौरान साझा किया गया.
संसद की कैंटीन का मेन्यू भी बदला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हेल्दी डाइट को लेकर हाल में जारी गाइडलाइंस के बाद संसद की कैंटीन का मेन्यू भी बदला गया है. सांसदों को सर्व किए जाने वाले मील में हेल्दी डाइट और शुगर फ्री फूड पर फोकस किया गया है.
संसद की कैंटीन में अब माननीयों को कम कार्बोहाइड्रेट, कम कैलोरी और कम सोडियम वाले व्यंजन परोसे जाएंगे. साथ ही फाइबर और प्रोटीन की हाई क्वालिटी वाली डिश को मेन्यू में शामिल किया गया है. खास तौर पर मिलेट या मोटे अनाज से बने पकवान और ग्लूटेन-फ्री भोजन को मेन्यू में शामिल किया गया है.