उज्जैन में किसानों का लैंड पुलिंग के खिलाफ बड़ा आंदोलन

उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र की लैंड पुलिंग योजना को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। सोमवार को करीब दो हजार ट्रैक्टर-ट्रॉली और पांच हजार से ज्यादा किसान शहर में जुट गए। उनका कहना है कि सरकार अगर उनकी 15 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं करती तो दूध और सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। अनुमान है कि इस आंदोलन में दस हजार से अधिक किसान शामिल हो सकते हैं।

किसान संगठन का आरोप है कि सिंहस्थ महापर्व के लिए स्थायी शहर बसाने के नाम पर सरकार जबरन एक लाख बीघा जमीन अधिग्रहित कर रही है। आंदोलन का आह्वान भारतीय किसान संघ ने किया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि स्थायी ढांचा बनाना उनके हितों के खिलाफ है। उनका कहना है कि सिंहस्थ के लिए अस्थायी सुविधाएं बनाई जाएं, ताकि बाकी समय किसान अपनी जमीन पर खेती कर सकें।

प्रदर्शन के दौरान आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में भारी भीड़ उमड़ी। यहां किसानों ने नारेबाजी की और रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचने का ऐलान किया। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह बैरिकेडिंग की है और यातायात डायवर्ट किया गया है।

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सिंहस्थ हजारों सालों से आयोजित होता आ रहा है और किसानों की जमीनें कभी स्थायी रूप से नहीं छीनी गईं। उन्होंने साफ किया कि सरकार जल्दबाजी में गलती कर रही है। संत और श्रद्धालु साधना व आस्था के लिए आते हैं, उन्हें आराम के लिए स्थायी संरचना की जरूरत नहीं है। किसानों की मुख्य फसलें प्याज और सोयाबीन हैं, जिनके लिए वे उचित दाम की भी मांग कर रहे हैं।

किसानों की अन्य प्रमुख मांगों में सोयाबीन का उचित समर्थन मूल्य, नर्मदा पाइपलाइन से सिंचाई सुविधा, ट्रांसफार्मर अनुदान योजना की बहाली और फसल बीमा क्लेम की पारदर्शी प्रक्रिया शामिल है। किसानों का कहना है कि विकास के नाम पर उनकी करोड़ों रुपए की जमीनें औने-पौने दाम पर छीनी जा रही हैं, जिसे वे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे।

आंदोलन को देखते हुए प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अब सबकी नजरें सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर टिकी हैं, जिससे इस विवाद का समाधान निकल सके।

Advertisements
Advertisement