बांसवाड़ा: जीएसटी दरों में हालिया बदलाव के बाद राजस्थान के व्यापारियों की सबसे बड़ी चिंता पुराने स्टॉक को लेकर थी. अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि 31 दिसंबर तक व्यापारी पुराने स्टॉक की बिक्री कर सकेंगे, लेकिन बिलिंग नई दरों के हिसाब से ही करनी होगी. इस फैसले से व्यापार जगत को बड़ी राहत मिली है, वहीं उपभोक्ताओं को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा.
एमआरपी पर संशोधित मूल्य जरूरी:
एमआरपी वाले उत्पादों में कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटर को पुराने पैक पर नया संशोधित मूल्य स्टिकर लगाना होगा. टैक्स दरें घटने पर उपभोक्ताओं को इसका सीधा फायदा देना अनिवार्य होगा, वहीं दरें बढ़ने पर भी नया एमआरपी दर्शाना होगा.
राजस्थान के बाजार में राहत:
जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा सहित डूंगरपुर और बांसवाड़ा जैसे जिलों के थोक बाजारों में व्यापारी इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं. छोटे और मध्यम व्यापारी अब बिना किसी कानूनी परेशानी के धीरे-धीरे अपना पुराना स्टॉक खपा सकेंगे.
डूंगरपुर-बांसवाड़ा में सीधा असर:
- डूंगरपुर और बांसवाड़ा के ग्रामीण व कस्बाई बाजारों में साबुन, तेल, टूथपेस्ट, शैम्पू और पैकेटबंद खाद्य सामग्री जैसे रोजमर्रा के सामान अब सस्ते मिलेंगे.
- यहां के किसानों को भी राहत मिलेगी क्योंकि कृषि उपकरण, कीटनाशक और उर्वरक पर टैक्स घटकर 5% हो गया है. इससे खेती की लागत कम होगी.
- इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और मोटरसाइकिल पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो गया है, जिससे आदिवासी इलाकों में त्योहारी सीजन पर बिक्री बढ़ने की संभावना है.
- गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर 40% टैक्स लागू हो गया है, जिससे ये उत्पाद महंगे हो गए हैं और उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा.
त्योहारी सीजन में फायदा:
नवरात्र और दीपावली से पहले डूंगरपुर की सब्जी मंडी, कपड़ा बाजार और बांसवाड़ा के गांधी मूर्ति चौराहा व संगमपुरा क्षेत्र के बाजारों में भीड़ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. व्यापारी पुराने स्टॉक को नई दर पर बेच सकेंगे, जिससे बाजार में पारदर्शिता बनी रहेगी और उपभोक्ताओं को भी सस्ती कीमतों का फायदा मिलेगा.
सरकार की सख्ती:
यदि व्यापारी या कंपनी उपभोक्ताओं को दरों में कमी का फायदा नहीं देती है, तो एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी कार्रवाई करेगी.