भले ही भारत को डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू और जीएसटी रेवेन्यू के मोर्चे पर कामयाबी मिल रही हो, लेकिन इंडस्ट्रीयल मोर्चे पर देश को बड़ा झटका लगा है. सरकार की ओर से इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन को लेकर जिस तरह के आंकड़े सामने आए हैं, वो काफी हैरान और परेशान करने वाले हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई के महीने में देश का इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन 9 महीने के लोअर लेवल पर पहुंच गया है. खास बात तो ये है कि इस हर महीने गिरावट देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से आईआईपी को लेकर किस तरह के आंकड़े जारी किए हैं.
9 महीने के लोअर लेवल पर आईआईपी
देश के इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन में वृद्धि मई में 9 महीने के निचले स्तर 1.2 प्रतिशत पर रही है. विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है. इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) के जरिये मापे जाने वाले इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन की ग्रोथ रेट बीते वर्ष के मई माह में 6.3 प्रतिशत रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि को भी संशोधित कर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जबकि पिछले महीने इसके 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
कौन से सेक्टर्स में दिखी कमजोरी
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उत्पादन वृद्धि इस साल मई में घटकर 2.6 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.1 प्रतिशत थी. वहीं माइनिंग प्रोडक्शन में 0.1 फीसदी की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसमें 6.6 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली थी. बिजली उत्पादन में 5.8 फीसदी की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 13.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी. वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-मई अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि मानसून के जल्दी आने से माइनिंग सेक्टर की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और बिजली की मांग में कमी आई है. इस वजह से आईआईपी के इन दोनों उप-क्षेत्रों में मई में गिरावट आई है, जबकि विनिर्माण में वृद्धि धीमी रही है. उन्होंने कहा कि जून तिमाही के पहले दो महीनों में औद्योगिक उत्पादन में धीमी वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में औद्योगिक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
इनमें देखने को मिली ग्रोथ
उपयोग-आधारित वर्गीकरण के आधार पर, पूंजीगत वस्तु खंड में वृद्धि मई, 2025 में 14.1 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी माह में में 2.6 प्रतिशत थी. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में समीक्षाधीन महीने में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई, 2024 में इसमें 12.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन मई, 2025 में 2.4 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं में इस साल मई में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में मई, 2025 में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. मध्यवर्ती वस्तुओं के मामले में वृद्धि दर आलोच्य महीने में 3.5 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
शेयर बाजार में गिरावट
वैसे सोमवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 452.44 अंकों की गिरावट के साथ 83,606.46 अंकों पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स में 576.77 अंकों की गिरावट देखने को मिली और इंडेक्स 83,482.13 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गया. वहीं दूसरीप ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 120.75 अंकों की गिरावअ के साथ 25,517.05 अंकों पर हुआ. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 164.5 अंकों की गिरावट के साथ दिन के लोअर लेवल 25,473.30 अंकों पर आ गया था. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है.