रीवा में पीएम आवास के नाम पर लाखों की ठगी का बड़ा मामला, अशोक पांडेय और साथी ठगी कर फरार

मध्यप्रदेश: रीवा में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर हुई एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है. इसमें दो शातिर ठगों ने कई लोगों से लाखों रुपए हड़प लिए. यह घटना 2018 की है, लेकिन पीड़ित अब भी न्याय के लिए भटक रहे हैं. इस ठगी के मुख्य आरोपी अशोक पांडेय (पिता स्वर्गीय शीतला प्रसाद पांडेय, निवासी ग्राम गौरी, तहसील हनुमना) और उसका एक साथी, जो एक सरकारी कर्मचारी बताया जाता है, इन दोनों ने मिलकर रीवा के शहरी क्षेत्र में लोगों को पीएम आवास योजना के तहत घर दिलाने का झांसा दिया.

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गरीबों और जरूरतमंदों को सपने दिखाकर उन्होंने उनसे लाखों रुपए की रकम ऐंठ ली. पीड़ितों में से एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने दोनों आरोपियों को आवास दिलाने के 1 लाख 20 हजार रुपए दिए थे. जब न तो उन्हें आवास मिला और न ही उन्हें राशिद मिली और न ही उनके पैसे वापस मिले, तो उन्होंने आरोपियों से अपनी रकम वापस मांगी. लेकिन, दोनों ठग आज-कल करते-करते सालों तक टाल-मटोल करते रहे और अंत में गायब हो गए.

पुलिस की लापरवाही और पीड़ितों की बेबसी

इस ठगी के बाद पीड़ितों ने रीवा के समान थाने में लिखित शिकायत भी दी थी. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी समान पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. न तो आरोपियों को पकड़ा गया और न ही पीड़ितों को उनका पैसा वापस दिलाया गया.

फिलहाल, मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य आरोपी अशोक पांडेय अब सतना की एक फैक्ट्री में काम कर रहा है. ठगों के खुलेआम घूमने और पुलिस की निष्क्रियता से पीड़ितों में निराशा और गुस्सा है. यह मामला एक बार फिर सरकारी योजनाओं के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी और उस पर धीमी पुलिस कार्रवाई को उजागर करता है.

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