स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का बड़ा खुलासा: घायल मासूम तड़पती रही, CMHO को खुद करना पड़ा इलाज, CBMO पर लगे गंभीर आरोप

 

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सीधी : जिले के ग्राम देवगढ़ में  एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 6 वर्षीय अंशिका कुशवाहा को एक मोटरसाइकिल सवार ने टक्कर मार दी. हादसे के बाद बच्ची के पिता राजराखन कुशवाहा उसे लेकर इलाज के लिए करीब दो घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कहीं भी उपचार नहीं मिला.

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया में डॉक्टरों की भारी लापरवाही उजागर हुई. वहां तैनात डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण बच्ची को तड़पता छोड़ दिया गया. इस बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. बबिता खरे अचानक निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचीं और खुद मासूम का इलाज कर उसकी जान बचाई.

 

CBMO डॉ. आर.के. वर्मा पर गंभीर आरोप

जांच के दौरान CMHO डॉ. बबिता खरे ने खुलासा किया कि अस्पताल में तैनात CBMO डॉ. आर.के. वर्मा मरीजों का इलाज करने से बचते हैं और अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं. स्थानीय लोगों ने भी डॉ. वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि जब से वह सेमरिया में पदस्थ हुए हैं, तब से उन्होंने मरीजों को देखना ही बंद कर दिया है.

इस मामले में जब घायल बच्ची के परिजनों ने डॉक्टर वर्मा से इलाज की गुहार लगाई, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा-“रेफर करवा लो, मैं इलाज नहीं करने आऊंगा.”

इस अमानवीय व्यवहार ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को और उजागर कर दिया. डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और लापरवाही के चलते मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है, और उन्हें रेफर करवाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं मिल रहा.

 

CMHO ने जताई नाराजगी, कार्रवाई के दिए संकेत

CMHO डॉ. बबिता खरे ने मौके पर ही अस्पताल की अव्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई और CBMO डॉ. आर.के. वर्मा समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो डॉक्टर अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

स्थानीय लोगों ने भी अस्पताल में डॉक्टरों की गैरजिम्मेदारी को लेकर आक्रोश व्यक्त किया और प्रशासन से मांग की कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और मरीजों को उचित इलाज मिल सके.

यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की शर्मनाक सच्चाई को उजागर करती है, जहां डॉक्टर अपनी ड्यूटी निभाने की बजाय मरीजों को रेफर करने में ही लगे रहते हैं. अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर क्या कदम उठाता है और क्या CBMO के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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