फर्जी नियुक्तियों का बड़ा पर्दाफाश! रीवा शिक्षा विभाग के 5 कर्मचारियों पर FIR, अधिकारी भी घेरे में

रीवा: जिले के शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों और गहरे भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. प्रारंभिक जांच में एक फर्जी अनुकंपा नियुक्ति से शुरू हुई पड़ताल में अब तक 5 अन्य फर्जी नियुक्तियों का भी खुलासा हो चुका है. जांच के दौरान सामने आया कि ब्रिजेश कोल नामक व्यक्ति की नियुक्ति एक ऐसी मृत महिला के नाम पर की गई, जो कभी विभाग से जुड़ी ही नहीं थी. आशंका जताई जा रही है कि इन सभी नियुक्तियों में जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया है.

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इस घोटाले में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के संकेत मिले हैं. वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर लिपिकों तक कई कर्मचारी जांच के घेरे में हैं. खुद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सुदामा लाल गुप्ता इस मामले में शिकायतकर्ता बने और उन्होंने लगातार एफआईआर दर्ज करवाई हैं.

फर्जी नियुक्तियों के मामले में हीरामणि कोल, विनय कोल, उषा कोल, सुषमा कोल समेत 5 लोगों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. साथ ही लिपिक राम प्रसन्न द्विवेदी को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जांच अधिकारी अखिलेश मिश्रा के निलंबन का प्रस्ताव रीवा संभाग के आयुक्त को भेजा गया है, वहीं DEO सुदामा लाल गुप्ता के विरुद्ध भी लापरवाही के आरोपों को लेकर कार्रवाई का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है.

वहीं कलेक्टर ने भी इस पूरे मामले की जांच को गंभीरता से लेने और निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि और भी कई फर्जी नियुक्तियों का पर्दाफाश हो सकता है. मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है और प्रशासन की साख पर भी असर डाल रहा है.

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