तरबगंज तहसील में बड़ा खेल: जिंदा बुज़ुर्ग को कागज़ों में “मृत” दिखाकर निपटा दिया वसीयत का मामला, मंडलायुक्त से लगाई न्याय की गुहार

गोंडा: जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तहसील प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत ने एक बुज़ुर्ग की ज़िंदगी को गहरी परेशानी में डाल दिया है. तरबगंज तहसील में वसीयत के एक विवादित मामले में एक जीवित व्यक्ति को मृतक दिखाकर फर्जी ढंग से दस्तावेज़ों का निस्तारण कर दिया गया. पीड़ित बुजुर्ग राघव प्रसाद, निवासी खरगूपुर ने इस मामले में मंडलायुक्त देवीपाटन से शिकायत दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है.

पीड़ित राघव प्रसाद का आरोप है कि प्रभारी तहसीलदार अनुराग पांडेय ने किसी के दबाव में आकर या जानबूझकर उन्हें “मृत” घोषित कर वसीयत के फर्जी प्रकरण को निपटा दिया. बुजुर्ग ने मीडिया से बातचीत में कांपती आवाज़ में अपना दुख बयान करते हुए कहा– मैं ज़िंदा हूं, अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहा हूं…लेकिन कागज़ों में मुझे मरा हुआ बता दिया गया है. क्या यही है न्याय?

अब सवाल उठता है कि तहसीलदार ने किस आधार पर जीवित व्यक्ति को मृत घोषित किया? क्या इस मामले में जांच होगी या फिर इसे भी दबा दिया जाएगा? आखिर इस बुजुर्ग को न्याय कब मिलेगा? बुजुर्ग की मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल है जो कागज़ों में ज़िंदगियां खत्म कर देती है.

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