इलेक्ट्रिक राइड हेलिंग स्टार्टअप BluSmart के को-फाउंडर पर पैसों के हेराफेरी के आरोप लगने के बाद, यह कंपनी अब बंद होने के कगार पर आ चुकी है और SEBI के जांच के घेरे में है. इसने अपनी कैब सर्विस, दिल्ली-NCR, मुंबई और अन्य जगहों पर अस्थायी तौर पर बंद कर दी है और कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है.
ये कंपनी कभी अपने सभी इलेक्ट्रिक बेड़े और ग्रीन बिजनेस मॉडल के लिए मशहूर थी. जिस कारण इसमें बड़े-बड़े दिग्गजों ने पैसा लगाया. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) से लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, बजाज कैपिटल के संजीव बजाज और शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर का भी पैसा है.
क्यों डूबने की कगार पर पहुंची ये कंपनी?
दरअसल, इस कंपनी के को-फाउंडर अनमोल सिंह जग्गी और इनके भाई पुनित सिंह जग्गी, जो Gensol Engineering कंपनी के प्रमोटर्स हैं, उन्होंने जेनसोल कंपनी के नाम पर लिए गए लोन के पैसों का गलत इस्तेमाल किया और उस पैसे से फ्लैट, गोल्फ किट, ट्रैवेल जैसी लग्जरी चीजों पर 262 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च किए. जिसका हिसाब सेबी को अपनी जांच में नहीं मिला. ऐसे में सेबी ने इसके प्रमोटर्स को किसी भी कंपनी के मैनेजमेंट से रोक दिया और मार्केट में एंट्री पर भी बैन लगा दी.
इन लोगों ने किया है बड़ा निवेश
जिस कारण अब ब्लूस्मार्ट का परिचालन भी खतरे में आ चुका है और इसके निवेशकों के बीच चिंता पैदा हो गई है. BluSmart ने शुरुआती निवेशकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित किया था. 2019 में दीपिका पादुकोण के फैमिली ऑफिस ने बजाज, JITO एंजल नेटवर्क और रजत गुप्ता के साथ मिलकर 3 मिलियन डॉलर के एंजल फंडिंग राउंड में भाग लिया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, धोनी और दीपिका के पारिवारिक कार्यालयों ने ब्लूस्मार्ट की फाइनेंशियल ग्रोथ को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें जुलाई 2024 में एक बड़ा निवेश दौर भी शामिल है.
जब 25 मिलियन डॉलर का आया था निवेश
प्राइवेट सर्किल के आंकड़ों के अनुसार, जग्गी ब्रदर्स के पास ब्लूस्मार्ट का लगभग 33% हिस्सा है. सीरीज A राउंड में निवेशक बीपी वेंचर्स के पास 14.3% हिस्सेदारी है. जिसे लेकर ब्लूस्मार्ट ने 25 मिलियन डॉलर के सीरीज A राउंड को वैश्विक स्तर पर मोबिलिटी सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश बताया था.
धोनी ने कितना लगाया है पैसा?
कंपनी ने 2024 में प्री-सीरीज B राउंड में 24 मिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें धोनी के पारिवारिक कार्यालय, रिन्यू पावर के सीईओ सुमंत सिन्हा और स्विस एसेट मैनेजर रेस्पॉन्सएबिलिटी इन्वेस्टमेंट्स से निवेश शामिल हैं. इस दौर में 200 करोड़ रुपए जुटाए गए, जिसमें स्विस इम्पैक्ट इन्वेस्टर रिस्पॉन्सएबिलिटी और रीन्यू के चेयरमैन सुमंत सिन्हा की भी भागीदारी रही. ये निवेश इस बात को बताती है कि ब्लूस्मार्ट की आगे की राह में हाई-प्रोफाइल निवेशकों का भरोसा रहा है.
अशनीर ग्रोवर का भी निवेश
अशनीर ग्रोवर ने संकट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ब्लूस्मार्ट में 1.5 करोड़ रुपये और मैट्रिक्स में 25 लाख रुपये का निवेश किया है. उन्होंने लिखा कि मैं मौजूदा स्थिति में ‘पीड़ित’ हूं… मुझे उम्मीद है कि व्यवसाय अपने हितधारकों की खातिर मौजूदा संकट से उबर सकता है.
बता दें ब्लूस्मार्ट जेनसोल की औपचारिक सहायक कंपनी नहीं है, लेकिन इसके वित्तीय संबंध बहुत गहरे हैं. जेनसोल और ब्लूस्मार्ट की सहायक कंपनियों के बीच 148 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ, जिससे दोनों के बीच मजबूत संबंध का पता चलता है, जो अब गहन जांच के दायरे में आ गया है.