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बांग्लादेश के हालात पर दिल्ली में बड़ी बैठक, संसद में अमित शाह से मिले अजित डोभाल

बांग्लादेश में राजनैतिक उठापटक के बीच भारत में भी हलचल है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जहां आज संसद में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी तो वहीं नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर भी संसद पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि यहां गृह सचिव समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं, जिसमें बांग्लादेश के मौजूदा हालात और सीमा सुरक्षा पर चर्चा होगी.

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गृह मंत्री अमित शाह ने भी बांग्लादेश के हालात पर आज विदेश मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान दोनों मंत्रियों ने पड़ोसी देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की. उन्होंने आज संसद में बांग्लादेश में उभर रहे राजनीतिक संकट पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालात बहुत ही खराब है, जनवरी 2024 से ही तनाव और हिंसा की स्थिति बनी हुई है, खासकर जून और जुलाई में सरकारी नीतियों के खिलाफ बढ़ते छात्र आंदोलन की वजह से हालात और भी खराब हो गए.

 

19000 भारतीय नागरिक स्वदेश लौटे

जयशंकर ने संसद में बताया कि अशांति के समय बांग्लादेश में लगभग 19,000 भारतीय नागरिक मौजूद थे, जिनमें लगभग 9,000 छात्र शामिल थे. उन्होंने कहा कि इनमें से कई छात्र विरोध और हिंसा के बीच पहले ही भारत लौट आए. मंत्री ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा पर गंभीर चिंता जाहिर की, जिसमें उनके बिजनेस और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है.

अल्पसंख्यकों के हालात पर भारत की नजर

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार हालात पर बारीकी से नजर रख रही है, खासकर अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा पर सरकार पर नजर बनाए हुई है. जयशंकर ने प्रभावित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा की जा रही पहलों की सराहना भी की. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ भारत लगातार संपर्क में है. विदेश मंत्री ने बताया कि भारतीय दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने अपील की गई है.

बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव की आशंका

अपने संबोधन के दौरान, जयशंकर ने विरोध प्रदर्शनों के जवाब में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बिगड़े हालात पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि अस्थिरता के बाद अंतरिम सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे बांग्लादेश में बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री हसीना का समर्थन करने के लिए तैयार है, जिन्होंने भारत में शरण मांगी है.

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