देश के सबसे सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स में से एक अदाणी ग्रुप फिलहाल सभी सीमेंट कंपनियों को एक सिंगल कंपनी में बदलने की प्लानिंग कर रहा है. जेफरीज के मुताबिक, मैनेजमेंट का मानना है कि मर्जर कॉस्ट की से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कंपनी माइनॉरिटी और अन्य स्टेकहोल्डर्स के हित में बेस्ट स्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में काम कर रही है.
भारत की दो सबसे बड़ी सीमेंट कंपनियों का अदाणी ग्रुप ने 6.4 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण कर लिया था, जिसमें ACC और अंबुजा सीमेंट शामिल हैं. इस अधिग्रहण ने अदाणी ग्रुप को अल्ट्राटेक के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बना दिया था. इसके बाद, अदाणी ग्रुप ने पिछले साल दिसंबर में 5,185 करोड़ रुपए की एंटरप्राइज वैल्यू पर सांघी इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया था. इस पूरे अधिग्रहण की फंडिंग इंटरनल सोर्सेज से की गई थी.
इस महीने की शुरुआत में, समूह ने हैदराबाद स्थित कंपनी पेन्ना सीमेंट को भी 10,420 करोड़ रुपये में खरीद लिया है, जिससे इसकी कुल क्षमता 89 MTPA हो गई और यह 2028 तक 140 MTPA की अपनी लक्ष्य क्षमता के करीब पहुंच गया. मौजूदा समय में आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट भारत में सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है, जिसकी कुल क्षमता 152.7 MTPA है.
क्या कदम उठाएगी कंपनी
पेन्ना अधिग्रहण के संबंध में, समूह ने कहा कि एसीसी दक्षिण में एक प्रमुख ब्रांड है, जबकि अंबुजा की सीमित उपस्थिति है. जेफरीज ने कहा कि पेन्ना अधिग्रहण से अदाणी सीमेंट के समुद्री परिवहन लॉजिस्टिक्स को मजबूती मिलेगी, जिसमें साउथ इंडिया की सर्विस के लिए कोलकाता, गोपालपुर, कराईकल, कोच्चि और कोलंबो में पांच बल्क सीमेंट टर्मिनल होंगे.
अंबुजा का मैनेजमेंट भी प्रति टन EBITDA 1,500 रुपए रहने का अनुमान लगा रहा है, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में लगभग 400 रुपए ज्यादा है. यह वित्त वर्ष 2028 तक 3,650 रुपए की उत्पादन लागत हासिल करने की भी आशा रखता है, जो ग्लोबल लेवल पर बेस्ट होगी. अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 0.5% गिरकर 656 रुपए पर बंद हुए. 2024 में अब तक शेयर में 22% की बढ़ोतरी हुई है.