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गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, एनकाउंटर में 25 लाख का इनामी DVCM लक्ष्मण समेत 12 नक्सली ढेर

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के वंडोली गांव के पास सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए हैं. इस मुठभेड़ में 25 लाख रुपये से ज्यादा का इनामी नक्सली डीवीसीएम लक्ष्मण भी मारा गया है. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं, जिसमें एके 47 समेत कई आटोमेटिक हथियार शामिल हैं. साथ ही नक्सलियों से मुठभेड़ में 2 जवान भी घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.

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पुलिस के अनुसार, सूचना मिली थी कि वंडोली गांव के आसपास 12 से 15 नक्सली डेरा जमाए हुए हैं. सूचना के बाद बुधवार सुबह गढ़चिरौली से एक ऑपरेशन शुरू किया गया. जिसमें सी-60 कमांडो और नक्सलियों के बीच वंडोली गांव में मुठभेड़ हो गई. ये मुठभेड़ करीब छह घंटे तक चली. मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान 12 नक्सलियों के शव मिल चुके हैं. इन नक्सलियों के पास से तीन एके 47, दो INSAS, एक कार्बाइन, एक एसएलआर समेत 7 ऑटोमेटिक हथियार बरामद हुए हैं. यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से लगे महाराष्ट्र् के गढ़चिरौली में हुई है.

25 लाख इनामी लक्ष्मण भी ढेर

सूत्रों की मानें तो मारे गए नक्सलियों में से एक की पहचान टीपागढ़ दलमा प्रभारी डीवीसीएम लक्ष्मण अत्राम उर्फ विशाल अत्राम के रूप में हुई है. जिसमें 25 लाख से ज्यादा का इनाम था. अन्य नक्सलियों की पहचान की जा रही है.

डिप्टी सीएम ने की इनामी राशि की घोषणा

वहीं, मुठभेड़ में गोली लगने से सी60 के दो जवान घायल हो गए. दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है. दोनों को इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुठभेड़ के बाद ऑपरेशन में शामिल C60 जवानों के लिए 51 लाख रुपये इनामी राशि की घोषणा की है.

4 नक्सलियों ने किया समर्पण

आपको बता दें कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में 20 लाख रुपये के इनामी 4 नक्सलियों ने समर्पण किया था, जिसमें महिला नक्सली भी शामिल थीं. महिला करीब 14 साल और पुरुष करीब 14 से 15 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय थे. छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा पदों के अनुरूप आत्मसमर्पित नक्सलियों पर सीवायपीसी पर 8, दो पर 5-5 और एक पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था. छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’ और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर. साथ ही पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया था.

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