छत्तीसगढ़ के 1994 बैच के IPS जीपी सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जीपी सिंह पर लगाए गए राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के शिकंजे में फंसे छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) जीपी सिंह पर पुलिस ने राजद्रोह के तहत केस दर्ज किया था।
सरकारी बंगले से चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली
आरोप है कि उनके सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थीं, जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी। इसी के आधार पर उनके खिलाफ FIR दर्ज किया गया। पुलिस की FIR को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है।
ब्लैकमेलिंग के केस में मिल चुकी है राहत
जीपी सिंह उस वक्त छत्तीसगढ़ पुलिस में पुलिस एकेडमी का जिम्मा संभाल रहे थे। उससे पहले वो खुद ACB के चीफ रह चुके थे। उनके खिलाफ अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग के जरिए करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई गई, इसकी लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद ACB ने जांच शुरू की।
खबर ये भी थी कि जब जीपी सिंह ACB प्रमुख थे, तब भ्रष्ट अफसरों को कार्रवाई का डर दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और रुपए वसूले थे। इन मामलों में जीपी सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने राहत दी है और एफआईआर पर रोक लगाई है।
30 अप्रैल को जीपी सिंह को CAT से मिली थी बड़ी राहत
इसके पहले 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर अधिकारी IPS जीपी सिंह को CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) से बड़ी राहत मिली थी। CAT ने चार सप्ताह में जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया था। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
जीपी सिंह पर 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार ने राजद्रोह का केस दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट से जमानत ले ली थी। सिंह को लेकर एक अफवाह ये भी थी कि उन्हें बर्खास्त किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं था।