Kota New Guidelines: कोटा को राजस्थान का कोचिंग हब कहा जाता है. इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में छात्र कोटा में JEE-NEET की कोचिंग लेने पहुंचते हैं. कोटा में गरीब परिवार से आने वाले छात्र जेईई-नीट क्रैक करने के साथ आर्थिक दबाव भी झेलते हैं. इसी को कम करने के लिए लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. प्रशासन, कोटा में रहना सस्ता करने जा रहा है. अब छात्रों से हॉस्टलों में अब छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी 4,000 रुपये नहीं लिए जाएंगे.
आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पहले, जिला प्रशासन ने “कोटा केयर्स” अभियान के तहत कोचिंग सेंटरों और हॉस्टलों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य कोटा में आने वाले छात्रों के लिए रहने का खर्च कम करना और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है.
हॉस्टलों में सिक्योरिटी और कॉशन मनी खत्म
नई गाइडलाइंस के तहत, कोटा के 4,000 हॉस्टलों में अब छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं ली जाएगी. पहले यह शुल्क हॉस्टल में एडमिशन के समय लिया जाता था और साल के अंत में वापस किया जाता था. लेकिन अब छात्रों को यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा.
हॉस्टल के लिए अन्य नए नियम:
1. ₹2,000 तक का मेंटेनेंस शुल्क लिया जा सकेगा.
2. सभी हॉस्टलों में एंटी-हैंगिंग सुसाइड सीलिंग फैन अनिवार्य किए गए हैं.
3. हॉस्टल स्टाफ के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग अनिवार्य होगी.
4. सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना जरूरी होगा.
5. रात में मैनुअल उपस्थिति दर्ज करनी होगी.
6. हॉस्टलों में मनोरंजन क्षेत्र भी बनाए जाएंगे.
7. अभिभावकों को सभी भुगतानों की रसीदें दी जाएंगी.
छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं
छात्रों को चंबल रिवरफ्रंट और ऑक्सीजन जोन पार्क में फ्री एंट्री मिलेगा. इसके अलावा, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर “कोटा केयर्स हेल्पडेस्क” स्थापित किया जाएगा, जिससे छात्रों को सहायता मिलेगी.
जिला कलेक्टर का बयान
कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा, “कोटा केयर्स अभियान के तहत छात्रों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है. कोटा में बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है, जिससे अब छात्रों को उच्च स्तरीय कोचिंग और आवास की सुविधाएं मिलेंगी.”
छात्रों की संख्या में गिरावट
हाल के वर्षों में कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. 2024-25 में यह संख्या 2 लाख से घटकर 1.24 लाख रह गई, जिससे हॉस्टल उद्योग को 50% तक का राजस्व नुकसान हुआ. कई हॉस्टलों में 40% से भी कम बुकिंग हुई.
हॉस्टल एसोसिएशन का समर्थन
हॉस्टल एसोसिएशन के प्रमुख विश्वनाथ शर्मा, सुनील अग्रवाल और नवीन मित्तल ने कहा, “अब हॉस्टल और पीजी छात्रों की देखभाल के लिए नए मानक स्थापित करेंगे. हम जिला प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे.”