अहमदाबाद विमान हादसे में बड़ा खुलासा, तीन महीने पहले ही बदला गया था एअर इंडिया प्लेन का एक इंजन

अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान संख्या AI 171 मेघानी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित लगभग 270 लोगों की मौत हो गई. विमान में सवार भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार एकमात्र ऐसे यात्री हैं जो हादसे में जिंदा बच निकले हैं.

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अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया विमान को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. करीब 12 साल पुराने इस प्लेन के राइड साइड वाले इंजन की हाल ही में मरम्मत की गई थी और उसे तीन महीने पहले मार्च 2025 में बदला गया था. अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला यह विमान टेकऑफ के कुछ मिनट बाद दुर्घनटाग्रस्त हो गया और इसमें 12 क्रू मेंबर्स समेत 242 यात्री सवार थे. हादसे में एक यात्री को छोड़कर बाकी सभी 241 लोगों की मौत हो गई.

दिसंबर में होनी थी अगली जांच

सूत्रों ने बताया कि एअर इंडिया के इस विमान की जून 2023 में डिटेल मेंटेनेंस जांच भी की गई थी और इस साल दिसंबर में इसकी जांच का अगला राउंड निर्धारित किया गया था. अप्रैल में एअर इंडिया ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के लिए बीमा कवर को 750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 850 करोड़ रुपये कर दिया था. अहमदाबाद में हुई दुर्घटना देश में एक दशक से ज्यादा वक्त में हुए सबसे भीषण हवाई हादसों में से एक है. इस त्रासदी से एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर में भूचाल आने की आशंका है और कुल क्लेम देश में सबसे महंगा होने का अनुमान है, जो करीब 3,000 करोड़ रुपये है.

अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान संख्या AI 171 मेघानी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित लगभग 270 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार ही जिंदा बच पाए हैं.

सरकार ने बचाई जांच कमेटी

एअर इंडिया के विमान में जमीन पर गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और भयानक आग गई है. हादसे के बाद विमान के मलबे से निकाले गए शव बुरी तरह जल चुके थे, जिसकी वजह से डीएनए मैच के बाद उनकी पहचान की जा रही है. इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी जान चली गई.

अहमदाबाद हादसे के बाद डीजीसीए की तरफ से एअर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई है और ऐसे विमानों सघन जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से हादसे की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है जो तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

एअर इंडिया की सर्विस बाधित

एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि एअर इंडिया डीजीसीए की गाइडलाइंस पर सुरक्षा जांच पूरी करने की प्रक्रिया में है. ये जांच बोइंग 787 फ्लीट पर की जा रही है, क्योंकि वे भारत लौट रहे हैं, उसके बाद उन्हें अगले ऑपरेशन के लिए मंजूरी दी जाएगी. एअर इंडिया ने बोइंग 787 विमानों में से नौ पर ऐसी जांच पूरी कर ली है और डीजीसीए की ओर से दी गई टाइमलाइन के भीतर बाकी 24 विमानों के लिए यह प्रक्रिया जल्दी पूरी की जाएगी.

ऐसे में एअर इंडिया ने अलर्ट किया कि जांच की वजह से फ्लाइट ऑपरेशन में लगने वाला समय बढ़ सकता है और देरी हो सकती है. खास तौर पर नाइट कर्फ्यू वाले एयरपोर्ट पर लंबी दूरी के रूट्स पर इसकी संभावना ज्यादा है. एअर इंडिया ने हादसे में मृतकों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के अंतरिम मुआवजे का ऐलान किया है. यह मुआवजा टाटा संस की तरफ से पहले ही घोषित एक करोड़ रुपये के मुआवजे से अलग है.

 

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