रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गरियाबंद और रायपुर में चार कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसे लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. ईडी ने इन चारों के घरों से नकद राशि, जेवरात, प्रॉपर्टी और बैंक के दस्तावेज़ जब्त किए. पूछताछ के लिए दो आरोपियों को पुजारी पार्क स्थित ईडी मुख्यालय लाया गया है. तीनों कारोबारी जेल में बंद अनवर ढेबर के रिश्तेदार हैं. कुछ दिन पहले गरियाबंद के ग्रामीणों ने ईडी से कारोबारी गुलाम मेनन के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के पैसों को निवेश करने का आरोप था. इस छापेमारी के पीछे अनवर ढेबर का लिंक होने की बात सामने आ रही है.
जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम ने गरियाबंद के मैनपुर निवासी किराना कारोबारी गुलाम मेनन के घर पहुंची। इस दौरान सभी का मोबाइल बंद कर दिया गया और टीम शाम तक उसके घर में जांच करती रही. गुलाम अनवर ढेबर का मौसेरा भाई बताया जा रहा है. ईडी की दूसरी टीम ने गुलाम के रिश्तेदार, वनोपज व्यवसायी हुसैन मेनन और मौदहापारा निवासी हार्डवेयर कारोबारी रफीक मेनन के घर भी दबिश दी. दोपहर में गरियाबंद के चावल कारोबारी हसन रजा मेनन के घर भी छापेमारी की गई. हसन अनवर का भांजा है और उस पर चावल कारोबार के जरिए आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप है. शाम को ईडी की टीम इन चारों के घरों से निकल गई.
गरियाबंद के ग्रामीणों ने ईडी को शिकायत की थी कि गुलाम बेरोजगार है, जबकि उसके पिता का कारोबार है. बावजूद इसके गुलाम ने दो करोड़ रुपये की जमीन खरीदी और राइस मिल शुरू किया। ग्रामीणों को संदेह है कि यह पैसे शराब घोटाले से संबंधित हो सकते हैं और इन्हीं पैसों से गुलाम ने जमीन खरीदी है. ईडी इस मामले की जांच कर रही है.