उत्तर प्रदेश : इटावा में सिविल लाइन पुलिस को एक पुलिस सफलता हाथ लगी है. यहां पुलिस के द्वारा चार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का काम किया गया जिनके ऊपर पीएफएमएस आइडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगा।
सहारनपुर से पकड़े गए अभियुक्त
इटावा जिले के सिविल लाइन थाने पर 12.04.2024 जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह पुत्र करन सिंह तैनाती विकास भवन इटावा द्वारा तहरीरी सूचना दी गयी कि पी.एफ.एम.एस पोर्टल पर Mr. Anjish Kumar खाता संख्या-5515891905 नाम की अराजक फर्म द्वारा ADMIN ID का दुरूपयोग करते हुये विकास खण्ड भरथना में यह फर्म फीड कर दी गयी एवं ग्राम प्रधान का नाम हटाकर अपना मोबाइल नम्बर एवं ई-मेल आईडी फीड की गयी .
अराजक फर्म द्वारा ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान के मोबाइल एवं ई-मेल आईडी इसलिये बदले गये जिससे उनके मोबाइल नम्बर एवं ई-मेल आईडी पर ओ.टी.पी न पहुँचे और स्वयं के मोबाइल नम्बर एवं ई-मेल आईडी पर ओ.टी.पी प्राप्त कर फर्म के द्वारा अनाधिकृत रूप से पी.एफ.एम.एस की धनराशि को प्राप्त करने के कई प्रयास किये गये.
इस मामले को सिविल लाइन पुलिस के द्वारा गंभीरता लेना शुरू कर दिया गया. पुलिस को पता चला कि आरोपी सहारनपुर में मौजूद है. जिसके बाद पुलिस इटावा से रवाना होकर जनपद सहारनपुर पहुंची जहां थाना देवबन्द क्षेत्रान्तर्गत अभियुक्त विपिन कुमार को ग्राम दुगचाड़ा से, अभियुक्त विकुल चौधरी को थाना देवबन्द क्षेत्रान्तर्गत ग्राम गंगदासपुर एवं अभियुक्त रजनेश को जनपद सहारनपुर के थाना देवबन्द क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दुगचाड़ा से समय 16.45 बजे गिरफ्तार किया गया, तथा जनपद इटावा के डी0पी0एम0 पद पर तैनात दीपक कुमार को समय करीब रात्रि 01.50 बजे गिरफ्तार किया गया.
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूला जुर्म
पुलिस टीम द्वारा पकड़े गये अभियुक्त रजनेश से पूछताछ करने पर उसने बताया गया कि वह डी0पी0ओ0 कार्यालय सहारनपुर में सफाई कर्मी के पद पर तैनात है एवं कम्प्यूटर का कार्य भी देखता है. उसने विकुल चौधरी से दूसरे की आईडी से सिम मंगायी थी तथा विकुल चौधरी ने उसी के गांव के पास रहने वाले विपिन से सिम लाकर दी थी एवं जनपद इटावा के डी0पी0एम0 दीपक ने दोनों ग्राम पंचायतो के पी0एफ0एम0एस0 की जनपद इटावा के ADMIN ID व पासवर्ड भेजे थे.
जिससे मैनें SNA (सिंगल नोडल अकाउण्ट) पर जनपद इटावा की सभी ग्राम पंचायतो पर धनराशि का आवंटन देखा . जिससे मेरे मन में लालच आ गया और मैंने आईडी पासवर्ड बदल दिये और फर्जी अकाउण्ट लेकर पीएफएमएस के बिल बाउचर ऑनलाइन बनाकर भुगतान का प्रयास किया,
परन्तु डिजिटल सिग्नेचर(DSC) उपलब्ध ना होने के कारण भुगतान नही हो पाया .उसके अगले दिन मेरे पास जनपद सहारनपुर के डी.पी.आर.ओ आलोक शर्मा का फोन आया और इटावा की ग्राम पंचायतो का फीड होने की जानकारी की गयी जिससे मुझे लगा कि उन्हे शक हो गया है . इसी कारण मैनें कम्प्यूटर के साथ साथ सभी उपकरणों को जला दिया. वहीं पकड़े गए आरोपियों को पुलिस के द्वारा जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया गया.