Vayam Bharat

मिड डे मील में बड़ा घोटाला! बच्चों के दूध में पानी मिलाकर जेब भर रहे शिक्षक

जसवंतनगर/इटावा : प्राथमिक स्कूलों में मिड डे मील के जरिए सरकार बच्चों की सेहत सुधारने के लिए दूध पिलवा रही है लेकिन कतिपय लालची शिक्षक बच्चों के हक पर डाका डाल रहे हैं. दूध में पानी मिलाया जा रहा है तथा निर्धारित मात्रा से कम दूध बच्चों को दिया जा रहा है.

Advertisement

इस तरह बच्चों का हक छीन कर काफी धन जेबों में डाला जा रहा है वह भी तब जब इस विद्यालय को खंड विकास अधिकारी ने गोद ले रखा है. बलरई स्थित कंपोजिट विद्यालय में मिड डे मील जहां गुणवत्ता से काफी खराब बनाया जा रहा है वही दूध भी बच्चों की उपस्थिति के अनुसार निर्धारित मात्रा से काफी कम मंगवाकर तथा उसमें भी पानी मिला कर पिलाया जा रहा है.

 

 

कॉलेज की प्रधानाध्यापिका के अनुसार विद्यालय में बुधवार को प्राथमिक कक्षाओं में 57 तथा जूनियर कक्षाओं में 38 विद्यार्थी उपस्थित थे. इसी विद्यालय में तैनात रसोईया ने बताया कि सुबह 7 किलो दूध विद्यालय में मंगाया गया था.

फिर उसमें दो किलो पानी मिलाया गया, इस मिश्रण को बच्चों को परोसा गया. इसके अलावा वहां पर मध्यान्ह भोजन में तेहरी बनी थी जो काफी पतली थी तथा उसमें चावल के साथ आलू और टमाटर ही पड़े थे अन्य मौसमी सब्जियां तथा सोयाबीन या अन्य पौष्टिक चीज भी मिलाई जानी चाहिए थी ऐसा वहां नहीं दिख रहा था.

तथा बच्चों को काफी कम कम मात्रा में परोसा जा रहा था. इस तरह निर्धारित मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. विदित हो कि यह विद्यालय खंड विकास अधिकारी ने गोद ले रखा है. इस विद्यालय के बच्चों का कहना था कि उन्हे अपने आप को जेलर बताने वाला एक व्यक्ति बहुत डराता है.

परेशान करता है. विद्यालय का अन्य स्टाफ भी इन तथाकथित जेलर से बहुत परेशान हैं उनका कहना है कि वह व्यक्ति अनावश्यक रूप से स्कूल के कार्यों में बाधा पहुंचाता है. कुछ ग्रामीणों के अनुसार उक्त व्यक्ति प्रधानाचार्य का पति बताया जाता है जो सुबह उसके साथ आता है और शाम को वापस जाता है तथा दिनभर विद्यालय में ही रहता है.

विद्यालय में तैनात रसोइयों का कहना था कि कम मात्रा में दूध आदि बांटे जाने का विरोध किए जाने पर प्रधानाचार्य का पति हम लोगों को बुरी तरह डांटता है गालियां देता है तथा तरह-तरह से परेशान करता है.

जिला प्रशासन को इस विद्यालय को भयमुक्त कराते हुए मिड डे मील को मानक के अनुसार बंटवाते हुए छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाना चाहिए तथा दोषियों को जांच करा कर दंडित कराया जाना चाहिए. खंड शिक्षा अधिकारी गिरीश कुमार ने संबंध में पूछे जाने पर बताया कि इस तरह का कोई मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं है.

वे इसकी जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाएगा मिड डे मील में गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विद्यालय के कर्मियों को कोई बाहरी व्यक्ति यदि परेशान करेगा तो पुलिस की सहायता ली जाएगी.

Advertisements