Left Banner
Right Banner

फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर बड़ा घोटाला! ED ने फ्रीज किए 170 करोड़ रुपये, ऐसे होती थी धोखाधड़ी..

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू कर दी है. इन कंपनियों पर मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप है. इन कंपनियों के निदेशकों में राजेंद्र सूद, विनीत कुमार, संतोष कुमार और मुख्य साजिशकर्ता नवाब अली उर्फ लविश चौधरी शामिल हैं.

नवाब अली उर्फ लविश चौधरी, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और इस समय यूएई से धोखाधड़ी का ये धंधा चला रहा है, ने बोटब्रो नाम की एक MLM कंपनी शुरू की. इसमें दावा किया गया कि एआई रोबोट्स की मदद से फॉरेक्स ट्रेडिंग की जाती है, जो ऑटोमैटिक तरीके से खरीद-बिक्री करने में सक्षम हैं.

botbro.biz नाम की वेबसाइट के जरिए इसे प्रमोट किया गया, जहां निवेशकों को तीन तरह के निवेश प्लान्स में पैसा लगाने का लालच दिया गया. इनमें निश्चित आय और टीएलसी कॉइन में कमाई का वादा किया गया.

ईडी की छापेमारी और 170 करोड़ रुपये फ्रीज

11 फरवरी 2025 को ईडी ने दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी की. इस दौरान 30 से अधिक बैंक खातों में जमा 170 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए. 90 लाख रुपये नकद बरामद हुए. कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए.इसके अलावा, एक अवैध हवाला नेटवर्क का भी खुलासा हुआ.

क्यूएफएक्स और वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) से धोखाधड़ी

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज होने के बाद ईडी ने इस घोटाले की जांच शुरू की. पता चला कि क्यूएफएक्स और इसके एजेंट्स ने MLM स्कीम के तहत निवेशकों को 5% से 15% तक मासिक रिटर्न का लालच देकर ठगा है. जैसे ही क्यूएफएक्स के खिलाफ केस दर्ज हुए, उन्होंने योजना का नाम बदलकर वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) रख दिया और उसी तरीके से लोगों को ठगना जारी रखा.

जांच में ये भी सामने आया कि लविश चौधरी बोटब्रो, टीएलसी कॉइन, और वाईएफएक्स जैसी योजनाओं के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को फंसा रहा है. ये सभी योजनाएं MLM पिरामिड मॉडल पर आधारित हैं, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से मिलने वाले पैसों से रिटर्न दिया जाता है.

कैसे चल रहा था घोटाला

  • नकद या बेनामी खातों में निवेशकों से पैसे जमा कराए गए.
  • रिटर्न को नकद या टीएलसी 2.0 कॉइन के रूप में दिया गया, जो मार्च 2027 में लॉन्च होने का दावा किया जा रहा है.
  • निवेशकों को विदेश यात्राओं और महंगी गाड़ियों का लालच भी दिया गया.

शेल कंपनियों से मनी लॉन्ड्रिंग

जांच में यह भी पता चला कि एनपे बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, और टाइगर डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी शेल कंपनियों का इस्तेमाल लोगों से पैसे लेने और उन्हें घुमाने-फिराने के लिए किया गया.

Advertisements
Advertisement