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राजस्थान की सियासत में बड़ी हलचल, कृषी मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने दिया इस्तीफा

राजस्थान की सियासत में बड़े घटनाक्रम के तहत राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव के बाद से ही उनके इस्तीफे को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर था, जबकि उनके सहयोगियों की ओर से कहा जा रहा था कि वो पद नहीं छोड़ रहे हैं. हालांकि अब मीणा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजनलाल को भेज दिया है. उन्होंने यह इस्तीफा चुनाव परिणाम आने के ठीक एक महीने बाद दिया है.

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डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा पूर्वी राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले मीणा समुदाय के एक दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाते हैं. पिछले साल दिसंबर में राजस्थान में बनी बीजेपी की भजन लाल सरकार में वह कृषि मंत्री बनाए गए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान अपने प्रचार के दौरान उन्होंने यह वादा किया था कि उनके प्रभार क्षेत्र में आने वाली सातों सीटों में से बीजेपी अगर एक भी सीट हार गई तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. अब उन्होंने पूर्वी राजस्थान में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया.

कब किया था इस्तीफे का वादा

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने 17 मई 2024 यह वादा किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अप्रैल को चुनाव प्रचार को लेकर रोड शो के लिए जब दौसा आए थे तब उन्होंने मुझे यहां की 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी. अगर इन 7 सीटों में से एक भी सीट हार गए तो मैं कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा.” हालांकि चुनाव परिणाम (4 जून) से एक दिन पहले 3 जून को किरोड़ी लाल मीणा ने फिर यही बात दोहराई कि अगर बीजेपी को 7 में से एक भी सीट पर हार मिली तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.

बीजेपी नेता किरोड़ी के प्रभार के तहत राज्य की दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी, करौली-धौलपुर और जयपुर ग्रामीण की सीटें थीं. पिछले महीने आए लोकसभा के नतीजों में बीजेपी को 7 में 4 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. जबकि जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट पर बीजेपी को कड़े संघर्ष के बाद जीत मिल पाई थी.

चुनाव में हार के बाद लगने लगे कयास

परिणाम आने के बाद सोशल मीडिया में किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया. उन्होंने खुद सोशल मीडिया मंच X पर “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई.” लिखकर इस्तीफे के कयास को हवा दे दिया. करीब एक महीना गुजर गया लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया. हालांकि इस दौरान वह सार्वजनिक तौर पर कम ही दिखाई दिए.

दूसरी ओर, विपक्षी कांग्रेस के नेताओं ने भी किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया. राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा था, “डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अपने वादे के पक्के हैं, देख लेना वो इस्तीफा जरूर देंगे.” कांग्रेस के महासचिव जसवंत सिंह गुर्जर ने भी किरोड़ी लाल को लेकर X पर तंज कसते हुए लिखा, ”झूठा तेरा वादा झूठा तेरा वादा, तेरे वादे का क्या गाना पुराना है किंतु सटीक है.”

वहीं किरोड़ी के भतीजे और महवा सीट से विधायक राजेंद्र मीणा ने भी कहा, “वह मीणा वादा करके कभी मुकरते नहीं हैं, वो जो कहते हैं पूरा करते हैं, धैर्य रखिए, वो इस्तीफा जरूर देंगे.” हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद उन्होंने सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था. 15 जून को माउंट आबू के दौरे पर निकले किरोड़ी से इस्तीफे के सवाल पर कहा था कि इस्तीफे की बात कह दी है तो अब देना ही पड़ेगा.

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