छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों और उनके समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए चलायी जा रही योजनाओं का असर अब नजर आने लगा है। क्षेत्र के छोटे-बड़े माओवादी लगातार आत्म समर्पण करके समाज की मुख्य धारा में लौट रहे हैं। एकबार फिर सुकमा जिले में 33 लाख के 20 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 09 महिला और 11 पुरुष माओवादी शामिल हैं।
मिली जानाकारी के अनुसार, बुधवार को इन माओवादियों ने जिला एसपी किरण चव्हाण और सीआरपीएफ अधिकारी के समक्ष किया आत्म समर्पण। इन माओवादियों के सिर पर 33 लाख का इनाम रखा गया था। आत्मसमर्पण करने वाले 20 माओवादियों में एक पीएलजीए हार्डकोर महिला माओवादी भी शामिल है।
बता दें कि अत्मसमर्पण करने वालों में शर्मिला उर्फ उईका भीमे भी शामिल है, जिसके सिर पर 8 लाख का इनाम रख गया था। साथ ही ताती कोसी उर्फ परमिला, इस महिला माओवादी के ऊपर भी 8 लाख का इनाम था। मुचाकी हिड़मा उर्फ बुयूर 5 लाख का इनामी है। इनके अतिरिक्त आत्मसमर्पण करने वाले 4 माओवादी 2 लाख के इनामी हैं और 4 माओवादी 1 लाख के इनामी हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों राज्य सरकार की योजनायों के तहत लाभ पहुंचाया जाएगा। नियाद नेल्लानार योजना के तहत सभी माओवादियों को पुनर्स्थापित किया जाएगा और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि साल 2026 तक देश से माओवाद को समाप्त कर देना है, इसके लिए हर प्रकार के संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सुकमा एसपी किरण चव्हाण सीआरपीएफ द्वितीय कमान अधिकारी सुरेश सिंह मौजूद रहें। डीआरजी जिला बल व सीआरपीएफ की 111वीं, 217वीं, 218वीं, 226वीं व कोबरा की 203 बटालियन के प्रयासों से यह आत्मसमर्पण हुआ है।