आगामी जनगणना के दौरान खुद से विवरण देने के लिए एक विशेष वेब पोर्टल शुरू किया जाएगा, जो राष्ट्रीय गणना प्रक्रिया के दोनों चरण के लिए उपलब्ध होगा. अधिकारियों ने सोमवार (7 जून 2025) बताया कि देश की पहली डिजिटल जनगणना में गणनाकर्ता एंड्रॉयड और एप्पल मोबाइल फोन पर ऐप का इस्तेमाल करके नागरिकों के आंकड़े एकत्र करेंगे.
खुद से विवरण जमा कर सकेंगे लो
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
यह देश में पहली बार होगा कि नागरिकों को एक विशेष वेब पोर्टल के माध्यम से स्वयं विवरण जमा करने का अवसर मिलेगा, जो जनगणना के दोनों चरण- मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (एचएलओ) और जनसंख्या गणना के लिए उपलब्ध होगा.
एक अधिकारी ने बताया, “डिजिटल जनगणना पहल जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है. पहली बार डेटा एकत्र करने और इसे केंद्रीय सर्वर पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे जनगणना डेटा की शीघ्र उपलब्धता होगी.”
डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने करने के लिए उठाए जाएंगे कदम
संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे. एचएलओ 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगी और उसके बाद दूसरे चरण की प्रक्रिया 1 फरवरी 2027 से आरंभ होगी जिसमें जनसंख्या गणना की जाएगी. आगामी जनगणना में घर के सदस्यों की जातियों की गणना की जाएगी.
जनगणना 2027 के लिए संदर्भ तिथि एक मार्च, 2027 को रात 12 बजे और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से ढके दुर्गम क्षेत्रों के लिए एक अक्टूबर, 2026 को रात 12 बजे होगी. देश में जनगणना की शुरुआत के बाद से यह 16वीं और स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना होगी, जिसके लिए 16 जून को अधिसूचना जारी की गई थी.
34 लाख पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने प्रत्येक चरण-राष्ट्रीय प्रशिक्षक, मास्टर प्रशिक्षक और फील्ड प्रशिक्षक के लिए तीन स्तर के केंद्रित और आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण की व्यवस्था की है. इस व्यापक कवायद के लिए फील्ड प्रशिक्षक लगभग 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे.
भारत के महापंजीयक ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित परिवर्तन 31 दिसंबर से पहले करें, जब उन्हें जनगणना कवायद के लिए अंतिम माना जाएगा.
किसी भी गलती से बचने के किए गए जरूरी उपाय
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा था कि जनगणना के लिए सभी गांवों और नगरों को एक समान गणना ब्लॉकों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक गणनाकार नियुक्त किया जाता है, ताकि जनसंख्या गणना के दौरान किसी भी चूक या दोहराव से बचा जा सके.
नियमों के अनुसार, जनगणना प्रशासनिक इकाइयों जैसे जिला, उप-जिला, तहसील, तालुका और पुलिस स्टेशन की सीमा निर्धारित होने के तीन महीने बाद ही की जा सकती है.
नारायण ने कहा था कि एक अप्रैल 2026 से मकान सूचीकरण कार्य, पर्यवेक्षकों और गणनाकारों की नियुक्ति और उनके बीच कार्य विभाजन किया जाएगा और एक फरवरी 2027 से जनगणना शुरू होगी.