सुप्रीम कोर्ट का अदाणी पावर के पक्ष में फैसला, बदलाव वाली नीति पर मिलेगा मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी पावर राजस्थान लिमिटेड को बड़ी राहत देते हुए बिजली आपूर्ति समझौते (PPA) के तहत ‘कानून में बदलाव’ (Change in Law) के आधार पर मुआवजा पाने का हकदार माना है. कोर्ट ने जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) की याचिका को खारिज कर दिया और बिजली नियामक अपीलीय अधिकरण (APTEL) के फैसले को बरकरार रखा.

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इस मामले की सुनवाई जस्टिस MM सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने की. मामला 1200 मेगावाट बिजली आपूर्ति के लिए हुए एक बिजली खरीद समझौते (PPA) से जुड़ा था, जिसमें तयशुदा दर पर बिजली देने की बात थी.

‘चेंज इन लॉ’ के तहत मिला लाभ

अदाणी पावर राजस्थान लिमिटेड ने ‘चेंज इन लॉ’ क्लॉज के तहत मुआवजे की मांग की थी. कंपनी ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा 19 दिसंबर 2017 को जारी एक अधिसूचना में कोयले पर ₹50/टन का अतिरिक्त शुल्क (Evacuation Facility Charges) लगाया गया. इससे कंपनी की उत्पादन लागत बढ़ गई.

इस बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए अदाणी पावर ने बिजली समझौते की शर्तों के तहत मुआवजा और लेट पेमेंट सरचार्ज (LPS) के साथ ब्याज की मांग की थी. APTEL ने अदाणी पावर की दलीलों को सही ठहराया और मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया था.

JVVNL की याचिका खारिज

इस फैसले को चुनौती देते हुए JVVNL ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि जब नियामकीय बदलाव से बिजली कंपनियों की लागत बढ़ती है, तो वे मुआवजा और लेट पेमेंट सरचार्ज की मांग कर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने APTEL के फैसले को सही ठहराते हुए JVVNL की याचिका खारिज कर दी.

ये फैसला पावर कंपनियों को आगे भी ऐसी परिस्थितियों में राहत देगा क्योंकि अब ‘कानून में बदलाव’ के कारण हुई लागत वृद्धि की भरपाई की जा सकेगी. ये फैसला भविष्य में होने वाले ऐसे विवादों में कानूनी दिशा तय कर सकता है.

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