कोलकाता रेप मर्डर केस के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग केंद्र सरकार ने मान ली है. सरकार ने कहा है कि वह सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर समिति बनाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है. सरकार ने सभी प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से ड्यूटी पर जाने की अपील की है. सरकार की अपील पर डॉक्टरों के संगठन FORDA ने कहा कि प्रतिनिधियों से बात करने के बाद फैसला लेंगे. कोलकाता केस को लेकर देशभर में आक्रोश है.
In view of the concerns expressed by FORDA, IMA and Resident Doctors’ Associations of Governmental Medical Colleges & Hospitals of Delhi, the Ministry assured them of constituting a Committee to suggest all such possible measures for ensuring the safety of healthcare… pic.twitter.com/f9kvMYdOk6
— ANI (@ANI) August 17, 2024
कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस के फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रतिनिधियों की मांगों को सुना है और उन्हें स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है.
सभी एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि सरकार स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है और उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है. यह देखा गया कि 26 राज्य पहले ही अपने-अपने राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं. सरकार ने उन्हें स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे सभी संभावित उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. मंत्रालय ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए आंदोलनकारी डॉक्टरों से व्यापक जनहित में अपने काम पर लौटने का अनुरोध किया.