बिहार: राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जमुई में 10 बेंच का गठन, सुगमता से होंगे वादों का निस्तार

जमुई : जमुई व्यवहार न्यायालय में आगामी 13 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह के निर्देश पर इस लोक अदालत के लिए कुल 10 बेंच का गठन किया गया है. इन बेंचों में न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता और अधीनस्थ कर्मचारी शामिल रहेंगे, ताकि मामलों का त्वरित और सहज निपटारा किया जा सके.

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बेंच संख्या-1 में एडीजे सत्यनारायण शिवहरे और अधिवक्ता साधना कुमारी रहेंगे। इसमें पारिवारिक न्यायालय के वादों और भारतीय स्टेट बैंक के ऋण प्रकरणों की सुनवाई होगी. बेंच संख्या-2 में एडीजे चतुर्थ प्रभात कुमार श्रीवास्तव और अधिवक्ता अंजनी कुमार रहेंगे, जो मोटर वाहन दुर्घटना और ग्रामीण बैंक से जुड़े ऋण मामलों का निपटारा करेंगे. बेंच संख्या-3 अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सत्यम और अधिवक्ता प्रसादी साह की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इसमें एसडीएम, सीजेएम, एसीजेएम प्रथम व द्वितीय कोर्ट और वन विभाग से संबंधित वाद शामिल होंगे.

इसी प्रकार, बेंच संख्या-4 में मुंसिफ अनुभव रंजन और अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह खनन विभाग के मामलों की सुनवाई करेंगे। बेंच संख्या-5 में न्यायिक दंडाधिकारी भाविका सिन्हा और अधिवक्ता राजकुमार यादव एनआई एक्ट और बिजली विभाग (जमुई) के मामलों का निस्तारण करेंगे. बेंच संख्या-6 न्यायिक दंडाधिकारी नाजिया खान और अधिवक्ता शिवदास पंडित के अधीन होगी, जिसमें श्रम, माप-तौल विभाग और ग्राम कचहरी से जुड़े वादों का निष्पादन होगा.

बेंच संख्या-7 में न्यायिक मजिस्ट्रेट मृणाल आर्यन और अधिवक्ता यशवर्धन सिकंदरा बिजली विभाग और लंबित वादों की सुनवाई करेंगे. बेंच संख्या-8 में न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष रंजन और अधिवक्ता हिमांशु कुमार पांडे झाझा बिजली विभाग और अन्य लंबित मामलों को देखेंगे। बेंच संख्या-9 में न्यायिक मजिस्ट्रेट एहसान रशीद और अधिवक्ता सद्दाम हुसैन गिद्धौर बिजली विभाग और उनके कोर्ट से संबंधित मामलों का निपटारा करेंगे. वहीं, बेंच संख्या-10 में एडीजे पंचम पवन कुमार और अधिवक्ता राकेश राज सभी राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के ऋण वादों की सुनवाई करेंगे, एसबीआई और ग्रामीण बैंक को छोड़कर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन ने बताया कि अधिक भीड़ को नियंत्रित करने और आम लोगों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है. उन्होंने अपील की कि अधिक से अधिक लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में आकर अपने मामलों का निपटारा कराएं और इस अभियान को सफल बनाएं.

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