बेतिया : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से मची भारी तबाही के बाद बिहार के बेतिया जिले के 11 लोग लापता हैं.हादसे के 6 दिन बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला है. मजबूरी में, 10 अगस्त को परिजनों ने सभी 11 लापता लोगों की डमी बॉडी बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.ये सभी 11 लोग बेतिया जिले के 3 प्रखंडों के 6 अलग-अलग गांव के रहने वाले थे. परिजनों ने बताया कि हादसे से महज 1-2 घंटे पहले ही उनकी अपनों से फोन पर बात हुई थी. बातचीत में लापता लोगों ने बताया था कि वहां लगातार 5-6 दिनों से बारिश हो रही है, काम बंद है और वे खाना खाकर कमरे में आराम कर रहे हैं.लाल बाबू यादव ने बताया कि गांव के एक युवक ने टीवी पर हादसे के दृश्य देखे और उसमें गिरती इमारत को पहचान लिया। उसने बताया कि यही वह बिल्डिंग है जिसमें बृजेश भाई अपने साथियों के साथ रहते थे. 5 अगस्त की दोपहर करीब 1:45 बजे पहाड़ों से भारी मलबा बहकर आया और पूरा धराली उसमें दब गया.
इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं. प्रशासन का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. SDRF, NDRF, ITBP और सेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.अब तक 130 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.
खीर गंगा नदी में पहाड़ों से आए मलबे ने धराली का बाजार, कई मकान और होटल बहा दिए.महज 34 सेकेंड में पूरा इलाका बर्बाद हो गया. धराली के साथ-साथ हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे तबाही और बढ़ गई.