Bihar: स्कूल के मध्याह्न भोजन में छिपकली निकलने से 14 बच्चे बीमार, जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

बांका:  जिले के छत्रपाल पंचायत अंतर्गत एनपीएस गोरबामारण विद्यालय में मंगलवार को मध्याह्न भोजन (MDM) के दौरान एक छिपकली निकलने से 14 बच्चे बीमार पड़ गए. सभी बीमार बच्चों को तत्काल बांका सदर अस्पताल के विशेष वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. फिलहाल सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को बच्चों को स्कूल में नियमित रूप से मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा था, जब अचानक चावल में छिपकली दिखाई दी. आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने छिपकली को निकालकर बिना जांच के वही चावल बच्चों को परोस दिया. खाना खाने के कुछ ही देर बाद बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने जैसी शिकायतें शुरू हो गईं.

घटना की सूचना मिलते ही जिला एमडीएम साधनसेवी उदयकांत झा और प्रखंड साधनसेवी मनोहर कुमार साह अस्पताल पहुंचे और बच्चों व परिजनों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली. वहीं, अधिवक्ता और धर्मरक्षक मनीष कुमार ने भी अस्पताल पहुंचकर बीमार बच्चों से मुलाकात की और प्रशासन से निष्पक्ष जांच एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.

अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एमडीएम में छिपकली मिलने के बावजूद संबंधित शिक्षक ने बिना सोचे-समझे वही भोजन बच्चों को परोस दिया, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई.यह घटना मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी प्रणाली की बड़ी चूक को उजागर करती है. एमडीएम योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषण देना और स्कूल में उपस्थिति बढ़ाना है, लेकिन गोरबामारण विद्यालय की यह लापरवाही बच्चों की जान जोखिम में डालने जैसा है.यदि समय पर बच्चों को अस्पताल नहीं ले जाया गया होता, तो यह मामला और भयावह रूप ले सकता था। यह घटना न केवल स्कूल प्रशासन की जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि यह संकेत देती है कि ऐसी योजनाओं पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से जिम्मेदारों पर तत्काल कार्रवाई की मांग उठ रही है.

Advertisements