आरा: नगर की 400 वर्ष पुरानी रामलीला समिति द्वारा आयोजित उत्सव के दूसरे दिन रामलीला मंच पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आकर्षक प्रदर्शन देखने को मिला. वाराणसी (काशी) से आए कलाकारों ने मुनि आगमन, ताड़का व मारीच वध की झांकियां प्रस्तुत कीं. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और आरती के साथ हुई, जिसने दर्शकों को भक्तिमय वातावरण में बाँध लिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ समिति के पदाधिकारियों और मुख्य अतिथियों ने भगवान श्रीराम के जयकारों के बीच किया. प्रस्तुति में दिखाया गया कि ताड़का के पुत्र मारीच और सुबाहु बार-बार महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ में विघ्न डालते हैं. महर्षि की प्रार्थना पर भगवान राम ने अपने धनुष-बाण से ताड़का, मारीच और सुबाहु का वध कर मुनियों की रक्षा की. इस दृश्य को देखकर दर्शकों ने जोरदार तालियाँ बजाईं.
कार्यक्रम का संचालन दिलीप गुप्ता ने किया. मौके पर समिति के प्रमुख उपस्थित सदस्यों में अध्यक्ष सोनू राय, सह संयोजक संजीव गुप्ता, सचिव शंभूनाथ प्रसाद, उपाध्यक्ष संजय महासेठ, उपाध्यक्ष दिलीप कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष मोहन प्रसाद, उपाध्यक्ष शंभूनाथ केसरी शामिल थे. इसके अलावा संरक्षक मंडल के सदस्य श्री 108 महंत किंकर दास, लाल दास राय, हाकिम प्रसाद, लक्ष्मी नारायण राय, श्याम नारायण बेड़िया, प्रेम पंकज, केदार प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, रामजी प्रसाद, रमाकांत सिंह, पुतुल जी, समिति के मीडिया प्रभारी पंकज प्रभाकर और रोटी बैंक के सदस्य भी मौजूद थे.यह आयोजन भक्ति, पारंपरिक कथा वाचन और सांस्कृतिक विरासत का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करता हुआ दर्शकों के लिए मनोरंजन और आध्यात्मिक अनुभव का अवसर साबित हुआ.