बिहार लोक सेवा आयोग के कथित प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर पटना के बाद अब दिल्ली में भी बवाल मचा हुआ है. दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ बीपीएससी अभ्यर्थियों के सपोर्ट में सामने आए हैं. पटना में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद जेएनयू के छात्रों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर जेडीयू दफ्तर का घेराव किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की.
पटना में लाठीचार्ज, दिल्ली में बवाल
जेएनयू के छात्रों ने बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और आंदोलन पर सीएम की चुप्पी से नाराज होकर जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यालय के बाहर नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं और उनके इस्तीफे की मांग की है. जेएनयू छात्रों का कहना है कि बिहार समेत पूरे देश में अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं और ये सरकार पेपर लीक पर कानून बनाने की बजाय कड़ाके की ठंड में छात्रों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल कर लाठी चार्ज कर रही है.
जारी है बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन
बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कई दिन से प्रतियोगी छात्र पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को मुख्यमंत्री नितीश कुमार से मिलने के लिए मार्च कर रहे छात्रों पर पटना पुलिस ने लाठियां चलाई थी. इस बीच बीपीएससी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं. मुख्य सचिव ने इन मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद सीएस कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा, ‘परिक्षार्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मिलकर 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा के संदर्भ में मांग पत्र समर्पित किया है. इसमें पूरी प्रारम्भिक परीक्षा को रद्द करने, परीक्षा में अनियमितता की उच्चस्तरीय जांच कराने, अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने, परिक्षार्थियों पर अत्यधिक बल प्रयोग करने में संलिप्त कर्मियों पर कार्रवाई करने व दिवंगत सोनू कुमार के परिवार को मुआवजे देने की मांग की है.’
मुख्य सचिव ने क्या कहा?
मुख्य सचिव के कार्यालय ने अपने बयान में कहा, ‘बीपीएससी परिक्षार्थियों के मांग-पत्र समर्पित करने के क्रम में बापू परीक्षा केंद्र के अलावा कुछ अन्य परीक्षा केंद्रों के संबंध में मुद्दे समर्पित किए हैं. सभी बिन्दुओं पर गहराई से चर्चा करने के उपरांत प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया है कि उनके द्वारा समर्पित मांग-पत्र पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी. परीक्षार्थियों को यह भी सुझाव दिया गया है कि वे शांति बनाए रखें.’