बिहार: सिकंदरा में 70 एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का आरोप, 60 किसानों ने DM-SP से की शिकायत

जमुई: सिकंदरा प्रखंड के 60 किसानों ने जिला पदाधिकारी नवीन कुमार और पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल को आवेदन देकर गंभीर आरोप लगाए हैं. किसानों ने पूर्व और वर्तमान अंचल कार्यालय के अधिकारियों पर 70 एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप लगाया है. इस जमीन में लगभग 500 रैयतों की हिस्सेदारी बताई जा रही है.

किसानों का आरोप है कि पूर्व अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सौरव, तत्कालीन प्रभारी अंचलाधिकारी विश्वजीत कुमार और अन्य कर्मचारियों ने स्थानीय दलालों के साथ मिलकर जमीनों में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया. किसानों का कहना है कि तत्कालीन सीओ विश्वजीत कुमार ने उनकी जमीन के साथ-साथ कई सरकारी जमीनों को भी बिना किसी वैध प्रमाण के निजी व्यक्तियों के नाम कर दिया. इतना ही नहीं, किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का स्थानीय कार्यालय भी फर्जी तरीके से दूसरे के नाम कर दिया गया है.

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर 15 फरवरी 2025 को एसडीएम ने फर्जी जमाबंदी को रद्द करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद कथित जमीन हेरफेर का खेल जारी रहा, जिससे किसान और अधिक आक्रोशित हो गए. किसानों का कहना है कि उनकी जमीनें वर्षों से खेती के लिए इस्तेमाल हो रही थीं, लेकिन अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से अब उन्हें बेदखल करने की साजिश रची जा रही है.

किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे. उनका कहना है कि अब तक कई बार अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इधर, डीएम नवीन और एसपी विश्वजीत दयाल से मिलने के बाद किसानों ने बताया कि डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम गठित करने का आश्वासन दिया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि सभी संदिग्ध जमाबंदियों पर तत्काल होल्ड लगाने का निर्देश दिया जाएगा, ताकि आगे कोई भी हेरफेर न हो सके. डीएम ने किसानों को भरोसा दिलाया कि पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम से पूरे सिकंदरा प्रखंड में हलचल मची हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन सख्त कदम उठाता है तो भविष्य में जमीन से जुड़े ऐसे फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सकेगी.

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