बिहार: समस्तीपुर जिले के सिंघिया थाना क्षेत्र अंतर्गत लिलहौल गांव में शनिवार की रात दरभंगा जिला के बिरौल पुलिस के द्वारा डीएमसीएच में पोस्टमार्टम करवाने के उपरांत एक विवाहिता की शव पहुंचाने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया.
मृतक विवाहिता की पहचान लिलहौल गांव निवासी मो. जलाल की पुत्री आफरीन बेगम (35वर्ष) के रूप में की गई, विवाहिता की मौत की सूचना मिलते ही दिल्ली में रह रहे पति और सगी बहन रविवार सुवह लिलहौल गांव पहुंचे। और पूर्व की विवाद को लेकर विवाहिता की साजिश तहत पडोसी चाचा द्वारा अगवा कर हत्या करवाने का आरोप लगते हुए विवाहिता की शव को दफनाने से इंकार करते हुए विरोध जताया.
हालांकि बाद में ग्रामीण बुद्धिजीवी के समझाने के बाद दोपहर दो बजे के बाद परिजन विवाहिता की शव को दफनाने के लिए तैयार हुए। विवाहिता को दफनाने कब्रिस्तान ले जाया गया.
सूचना पर दिल्ली से पहुंचे मृतका के पति दरभंगा जिला के कुशेश्वरस्थान थाना के मैंठा गोठानी गांव निवासी महफ़ुजुर रहमान ने बताया की शुक्रवार के दिन रात 9 बजे के करीब पत्नी आफरीन से फोन पर बातें हुई थी। और करीब 11 बजे रात दरभंगा जिला के बिरौल पुलिस द्वारा मोबाइल पर मृत अवस्था में पत्नी की फोटों भेजा गया। इसकी सूचना अपने संगे संबंधी दिया। सूचना पर संगे संबंधी अस्पताल पहुंचे तो पता चला की विवाहिता की मौत के बाद किसी अज्ञात के द्वारा शव को अस्पताल में छोड़ दिया गया है। इसके उपरांत बिरौल पुलिस शव को जप्त कर पोस्टमार्टम करवाने डीएमसीएसच भेज दिया, पति ने बताया की 4 वर्ष पूर्व 9 अप्रैल 2020 को मेरे पत्नी की पड़ोसी चाचा द्वारा किसी विवाद को लेकर मेरे साला गुड्डू की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद मेरी पत्नी माता पिता की देखभाल करने के लिए अस्थाई रूप से लिलहौल गांव में रह रही थी, और न्यायालय में चल रहे मृतक भाई का केस में पैरवी कर रहा था। जिसके कारण मेरी पत्नी को बार बार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। मृतका की पति और बहन ने आरोप लगाया की मेरे पडोसी चचा द्वारा साजिश के तहत अगवा कर हत्या कर दी गई है.