बिहार: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम को वापस लेने की मांग पर INDIA गठबंधन द्वारा आहूत बिहार बंद व चक्का जाम का व्यापक असर देखा गया. ताजपुर बाजार में भाकपा-माले, राजद, कांग्रेस, भाकपा, वीआईपी सहित विभिन्न दलों के सैकड़ों कार्यकर्ता गांधी चौक पर इकट्ठा हुए और जोरदार नारेबाजी के साथ जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया.
जुलूस के बाद कार्यकर्ता नेशनल हाईवे पर पहुंचे और वहां चक्का जाम कर घंटों प्रदर्शन किया. बाजार भ्रमण के बाद गठबंधन के दूसरे जत्थे ने राजधानी चौक पर हाईवे जाम कर दिया. प्रदर्शन के चलते हाईवे के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
गांधी चौक पर भाकपा-माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सभा आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न दलों के वक्ताओं ने सरकार की जनविरोधी नीतियों पर निशाना साधा. राजद के नूर आलम ने किसानों का कर्ज माफ करने, एमएसपी की गारंटी, मुफ्त बिजली और बंद पड़ी बाजार समितियों को चालू करने की मांग की. भाकपा के रामप्रीत पासवान ने श्रमिक विरोधी चारों श्रम कोड और 12 घंटे कार्य दिवस की नीति को रद्द करने की बात कही.
कांग्रेस के अब्दुल मालिक ने भूमिहीनों को वासभूमि एवं आवास उपलब्ध कराने की मांग की. वीआईपी पार्टी के फैजान अहमद ने भू-अभिलेख शिविर पंचायत स्तर पर लगाने और भ्रष्टाचार पर लगाम की बात कही. एसयूसीआईसी के चंद्रशेखर राय ने स्कीम वर्कर्स (आशा, सेविका, रसोईया, जीविका आदि) को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई.
कई स्थानों पर चला चक्का जाम आंदोलन
ताजपुर के शाहपुर बघौनी चौक, चांदनी चौक, गांधी चौक सहित आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किए गए. बाजार क्षेत्र में जुलूस निकालकर लोगों को आंदोलन के मुद्दों से अवगत कराया गया. प्रदर्शन में पूर्व मंत्री अशोक सिंह, जनाधिकार पार्टी के जिला अध्यक्ष मनीष राय, समाजवादी नेता शंभू राय, पंसस पवन यादव, आशा संघ की सविता सिंह व रंजू कुमारी, रसोईया संघ की गिरिजा देवी सहित कई संगठनों और दलों के कार्यकर्ता शामिल हुए.