बिहार के दरभंगा जिले से विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. अलीनगर सीट से विधायक रहे यादव को दरभंगा की एक विशेष अदालत ने मारपीट के पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. यह फैसला 27 मई 2025 को सुनाया गया था. इसी के आधार पर विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है.
दरअसल, मिश्रीलाल यादव वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे. बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. अदालत से दोषी करार दिए जाने और दो साल की सजा मिलने के कारण संविधान के तहत उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई.
बता दें कि मिश्रीलाल यादव को दरभंगा की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. मामला 29 जनवरी 2019 का है, जब समैला गांव के उमेश मिश्रा ने विधायक और उनके सहयोगी सुरेश यादव पर मारपीट और जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई और फरवरी 2024 में निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को तीन महीने की जेल और ₹500 जुर्माने की सजा सुनाई थी.
विधायक ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी, लेकिन पीड़ित उमेश मिश्रा ने भी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सजा को तीन महीने से बढ़ाकर दो साल कर दिया और ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया.
सजा दो साल होने के चलते संविधान के अनुच्छेद 191 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई. विधानसभा सचिवालय ने भी 27 मई 2025 से उनकी सदस्यता खत्म होने की अधिसूचना जारी कर दी है.