बिहार: सरकारी खर्च पर बने खेल मैदान पर मवेशियों का कब्ज़ा, बच्चों को खेल सुविधाओं से वंचित

जमुई: ग्रामीण बच्चों की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर खेल मैदान बना रही है, लेकिन जमुई में जमीनी हकीकत इन योजनाओं की पोल खोल रही है.बरहट प्रखंड के नुमर पंचायत स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय नुमर में करीब 9.90 लाख रुपए की लागत से बास्केटबॉल, बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है. उद्देश्य यह था कि गांव के बच्चों को भी शहर जैसी आधुनिक खेल सुविधाएं मिल सकें.

हालांकि मैदान की तस्वीर बिल्कुल उलट है। यहां छात्र नहीं, बल्कि मवेशी और बकरियां कब्जा जमाए हुए हैं. खासकर बास्केटबॉल कोर्ट पर मवेशियों के बैठने और घूमने से ढलाई को नुकसान पहुंचने का खतरा है. चूंकि मैदान का औपचारिक हस्तांतरण अभी विद्यालय प्रशासन को नहीं हुआ है, इसलिए देखरेख में लापरवाही सामने आ रही है.स्कूल परिसर की चारदीवारी अधूरी है और मुख्य द्वार पर गेट तक नहीं लगाया गया है. इस वजह से स्थानीय लोग मैदान में बेधड़क मवेशी बांध रहे हैं. ग्रामीण परशुराम यादव, मुकेश यादव, पंकज यादव और माकेश्वर यादव का कहना है कि जब तक चारदीवारी और गेट का काम पूरा नहीं होगा, बच्चों को खेल की वास्तविक सुविधा नहीं मिल पाएगी.

इस मामले में प्रखंड मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी शंभू नाथ सुधाकर ने बताया कि खेल मैदान का निर्माण कार्य अभी जारी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति मैदान में मवेशी बांधते पकड़ा गया तो कार्रवाई की जाएगी.कुल मिलाकर, सरकारी पैसे से बन रहा यह खेल मैदान बच्चों की प्रतिभा निखारने के बजाय फिलहाल मवेशियों का तबेला बनता जा रहा है.

 

 

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