गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक मनीष कुमार पर एक खाली स्कूल का उपयोग करने का संदेह है, जहां कम से कम दो दर्जन छात्रों को लीक हुआ पेपर दिया गया था.
CBI ने बिहार में NEET-UG पेपर लीक मामले में अपनी पहली गिरफ्तारी की है, जिसमें पटना से दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है. जिनकी पहचान मनीष कुमार और आशुतोष के रूप में की गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक, मनीष कुमार पर एक खाली स्कूल का उपयोग करने का संदेह है जहां कम से कम दो दर्जन छात्रों को लीक हुआ पेपर दिया गया था।जबकि आशुतोष ने अपने आवास पर छात्रों के लिए ठहरने की व्यवस्था की थी. इन दोनों लोगों को एजेंसी ने गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
CBI की गिरफ्तारी से पहले राज्यों की पुलिस ने बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली में भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. इनमें एक अभ्यर्थी भी शामिल था जिसने कहा कि उसे और कुछ अन्य लोगों को परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र की एक प्रति मिल गई थी.
लगभग 24 लाख छात्र स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए NEET-UG 2024 के लिए परीक्षा में बैठे थे, जो 5 मई को NTA द्वारा आयोजित किया जाता है. परिणाम निर्धारित समय से 10 दिन पहले 4 जून को घोषित किए गए थे, लेकिन प्रश्न पत्र लीक होने और 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क देने के आरोपों के कारण विरोध छात्रों एवं अभिवावकों द्वारा प्रदर्शन शुरू हो गया था. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी दायर किए गए और एनटीए को फटकार भी लगाई गई.
यह मुद्दा एक बड़े राजनीतिक विवाद में भी बदल गया है और गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन में इसका उल्लेख किया गया. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार “निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध” है और आश्वासन दिया कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी.