बिहार : सुरक्षित स्थान के अधीक्षक सह जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को DM ने किया कार्य से मुक्त

औरंगाबाद:  जिला पदाधिकारी सह समाहर्ता औरंगाबाद के कार्यालय के स्थापना शाखा से निकले आदेश के अनुसार विशेष कार्य पदाधिकारी समाज कल्याण विभाग बिहार पटना के ज्ञापांक 6733 दिनांक 15/ 9/2025 द्वारा संतोष कुमार चौधरी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद को कार्य से मुक्त करते हुए सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद का प्रभार सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग औरंगाबाद अथवा अन्य किसी पदाधिकारी को सौंपने का अनुरोध किया गया है.

उपरोक्त आदेश के आलोक में संतोष कुमार चौधरी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद को उनके कार्यों से मुक्त करते हुए श्री महेश आनंद सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग औरंगाबाद को अपने कार्यों के अतिरिक्त सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद का प्रभार सौंपा गया है. साथ ही यह आदेश भी दिया गया है कि प्रभार का आदान-प्रदान शीघ्र संपादित करें.आदेश में इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू रखने की बात कही गई है।इस आदेश की प्रतिलिपि जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक संतोष कुमार चौधरी, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक महेश आनंद, जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी, दाउदनगर एवं औरंगाबाद अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त औरंगाबाद, विशेष कार्य पदाधिकारी समाज कल्याण विभाग बिहार पटना तथा समाज कल्याण निदेशालय पटना के निदेशक को भेजी गई है.

गौरतलब है कि किशोर न्याय बोर्ड के मुख्य न्याय पदाधिकारी एवं एसडीजेएम ने सुरक्षित स्थान बभंडी में पाई गई अनियमितता के संबंध में उच्च न्यायालय में अपर निबंधक किशोर न्याय सचिवालय को कार्रवाई हेतु एक पत्र प्रेषित किया था. व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने 30 अगस्त को ही यह जानकारी दी थी कि डीएलएमसी की बैठक में सुरक्षित स्थान में रह रहे किशोरों की समस्याओं पर चर्चा की गई थी. बैठक में यह मामला सामने आया कि 16 अगस्त को सुरक्षित स्थान के प्रभारी अधीक्षक ने सूचित किया था कि 12 किशोर वायरल बुखार से पीड़ित है.

इसके बावजूद जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक और अधीक्षक ने ना तो डॉक्टर की व्यवस्था की और ना ही बच्चों के लिए वाहन उपलब्ध कराया. साथ ही साथ यह भी आरोप था कि विभागीय वाहन का निजी उपयोग उनके द्वारा किया जा रहा था. जो समाज कल्याण विभाग के निर्देशों के विपरीत था. उस दिन एंबुलेंस की देरी के कारण किशोर आक्रोशित होकर रात में भूख हड़ताल पर भी बैठ गए थे. यह स्थिति किसी भी अप्रिय घटना को जन्म दे सकते थे. इस लापरवाही और कर्तव्यहीनता पर सहायक निदेशक से स्पष्टीकरण की भी मांग की गई थी.लेकिन उनके द्वारा इस संदर्भ में संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया था. बोर्ड ने इस जवाब को अमर्यादित और खेदजनक करार दिया था. मामले को गंभीरता से लेकर पत्र की प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी और समाज कल्याण विभाग के सचिव एवं निदेशक को भेजी गई थी. पत्र के आलोक में कार्रवाई करते हुए जिला पदाधिकारी ने मंगलवार को बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक संतोष कुमार चौधरी को कार्य से मुक्त कर दिया है.

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