Bihar: पटना AIIMS में डॉक्टरों की हड़ताल 5 दिन बाद समाप्त, 15 हजार से ज्यादा मरीज लौटे बिना इलाज के, जनहित में लिया गया फैसला

पटना: राजधानी पटना स्थित AIIMS (एम्स) में पिछले 5 दिनों से जारी डॉक्टरों की हड़ताल आखिरकार शुक्रवार को स्थगित कर दी गई. हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने *मरीजों की देखभाल और जनहित को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है. डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि हड़ताल फिलहाल 10 दिनों के लिए रोकी गई है, ताकि इस दौरान मरीजों का इलाज हो सके और व्यवस्था सामान्य हो.रेजिडेंट डॉक्टरों के अनुसार, उनकी कई मुख्य मांगों को प्रशासन द्वारा स्वीकार कर लिया गया है, जिसमें 30 जुलाई को हुई हिंसा की घटना पर प्राथमिकी दर्ज किया जाना भी शामिल है.

हड़ताल की वजह से ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) पूरी तरह से प्रभावित रही. पिछले पांच दिनों में लगभग 15 हजार से अधिक मरीज बिना इलाज के वापस लौट गए.सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज से आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ी.बांका के मदन यादव का मामला सबसे मार्मिक बनकर सामने आया.पेट में इन्फेक्शन से पीड़ित मदन यादव का ऑपरेशन AIIMS में तय था, लेकिन हड़ताल के कारण न तो डॉक्टर देख सके और न ही ऑपरेशन हो पाया.वे पैदल चलने में असमर्थ हैं, ऐसे में उनके बेटे उन्हें रोज कंधे पर उठाकर हॉस्पिटल लाते और फिर वापस ले जाते. उनका कहना है कि तीन दिनों से रोज कहा जा रहा था कि हड़ताल खत्म हो जाएगी लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी.

30 जुलाई की रात विधायक चेतन आनंद और जूनियर डॉक्टरों के बीच विवाद और कथित मारपीट की घटना के बाद AIIMS के डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की थी. डॉक्टरों की मांग थी कि विधायक लिखित माफी मांगे और दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाए.इस मुद्दे पर PMCH, NMCH और IGIMS के डॉक्टरों ने भी काला रिबन बांधकर एकजुटता जताई थी.अब जब आंशिक समाधान हुआ है, तो डॉक्टरों ने मरीजों के हित में फिलहाल हड़ताल को रोकने का निर्णय लिया है.हालांकि, अगर समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हुआ तो हड़ताल दोबारा शुरू होने की आशंका बनी हुई है.

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