बिहार में वोटर रोल का अंतिम प्रकाशन होने के साथ ही विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. चुनाव का बिगुल छह से सात अक्टूबर के बीच बज सकता है. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग (EC) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के जिला स्तरीय निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग शुरू कर दी है.इसके बाद तीन अक्टूबर को दिल्ली में ही बिहार में तैनात किए जा रहे सामान्य, सुरक्षा और चुनाव खर्च पर निगरानी रखने को तैनात ऑब्ज़र्वर्स की कॉन्फ्रेंस होगी.
तीन अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली पर्यवेक्षकों की कॉन्फ्रेंस में उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से आधुनिक और पारंपरिक तकनीक के जरिए शातिर लोगों पर नजर रखी जाएगी. इस बैठक के अगले दिन चार अक्टूबर को राज्य में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए निर्वाचन आयोग दो दिवसीय दौरा करेगा. यह दौरा पांच अक्टूबर की रात दिल्ली पहुंचने के बाद या फिर सात अक्टूबर को चुनावी कार्यक्रम का ऐलान होने के आसार हैं.
चुनाव आयोग का दो दिवसीय बिहार दौरा
दो दिवसीय दौरे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ सहयोगी आयुक्तों डॉक्टर एसएस संधू और विनीत जोशी सहित आयोग के आला अधिकारियों की टीम भी रहेगी. आयोग वहां राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चर्चा करेगा. इस दौरे से ठीक पहले बिहार चुनाव के लिए तैनात पर्यवेक्षकों की बैठक तीन अक्टूबर को आयोग के नई दिल्ली के द्वारका स्थित इंटीट्यूट में होगी.
मतदाता सूची और मतदान का कार्यक्रम
बिहार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 6 या 7 अक्टूबर को कभी भी हो सकती है, क्योंकि मंगलवार 30 सितंबर को राज्य के मतदाताओं की फाइनल लिस्ट प्रकाशित हो जाएगी. हालांकि, मतदाता नामांकन के आखिरी दिन तक अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करने का आवेदन कर सकेंगे, और उनके नाम अतिरिक्त मतदाता सूची में आएंगे. सूत्रों के मुताबिक, बिहार में छठ पर्व के बाद मतदान का कार्यक्रम दो से तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार की नई विधान सभा के लिए चुनाव का नतीजा 15 नवंबर से पहले घोषित किया जा सकता है. पिछली बार भी 2020 में आयोग ने विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से करीब बीस दिन पहले ही चुनाव नतीजे घोषित कर दिए थे. इस मौजूदा विधान सभा का कार्यकाल 23 नवंबर को खत्म हो जाएगा.