Left Banner
Right Banner

बिहार: नाचते-गाते मां को दी विदाई, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण संपन्न हुआ विसर्जन

जमुई : शारदीय नवरात्रि के समापन पर शुक्रवार को शहर सहित जिले के विभिन्न पूजा पंडालों से मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन धूमधाम और श्रद्धा-उल्लास के साथ किया गया. भक्तगण ढोल-नगाड़ों और ताशों की थाप पर झूमते-नाचते, अबीर-गुलाल उड़ाते और ‘‘मां दुर्गा की जय’’ के जयकारे लगाते हुए प्रतिमाओं को विदाई देने विसर्जन स्थल तक पहुंचे.सुबह से ही शहर में भक्तिमय वातावरण बना रहा. अपराह्न तक पंच मंदिर, गांधी पुस्तकालय, बाघाकोल, हनुमान मंदिर रोड सहित विभिन्न पूजा समितियों ने विधिवत हवन-पूजन की प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद विसर्जन जुलूस निकले, जो मुख्य मार्गों होते हुए बोधवन तालाब और अन्य विसर्जन स्थलों तक पहुंचे.

विसर्जन यात्रा के दौरान नगर की सड़कों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. जगह-जगह भक्तों ने झांकियों पर पुष्पवर्षा की, वहीं छतों से रंग-गुलाल बरसाए गए. महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने भी पूरी आस्था और उल्लास के साथ इस यात्रा में भाग लिया.

प्रशासन ने इस मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारी की थी. सीओ ललिता कुमारी और थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार स्वयं दलबल के साथ सड़कों पर पैनी नजर बनाए हुए थे. साथ ही जगह-जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. जुलूस मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल और दंडाधिकारी तैनात किए गए थे. यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त रखी गई ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो.बोधवन तालाब में प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान स्नान और पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु बैरिकेडिंग की गई थी. गोताखोर और आपदा प्रबंधन की टीम भी मौजूद रही. चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव नीतेश केशरी और कई गणमान्य नागरिक स्वयंसेवकों के साथ प्रशासन को सहयोग करते नजर आए.

श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई दी और अगले वर्ष पुनः ‘‘मां के घर आने’’ की कामना की. पूरे दिन भक्तिमय माहौल छाया रहा और शाम तक विसर्जन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ.

Advertisements
Advertisement