पटना: आज शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन है और इस वर्ष चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है, जो कि पूरे 9 साल बाद हुआ है. आज माता के चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी की पूजा की जाएगी. माता कुष्मांडा की उपासना से आधि-व्याधियों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है। आज **विशाखा नक्षत्र, रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जिससे पूजा-अर्चना और भी अधिक फलदायी मानी जा रही है.
आचार्य राकेश झा के अनुसार, आश्विन शुक्ल महासप्तमी 29 सितंबर सोमवार को सभी पूजा पंडालों, मंदिरों और घरों में माता जगदंबा की विधि-विधान से पूजा होगी. इस दिन माता का पट वेदोक्त मंत्रोचार के साथ खोला जाएगा. श्रद्धालु माता के दिव्य और अनुपम दर्शन कर आनंदित होंगे। इसी दिन माता के सप्तम रूप कालरात्रि की पूजा और मध्यरात्रि में महानिशा पूजा भी होगी.
ज्योतिषी राकेश झा ने बताया कि नवरात्र के अंतर्गत महाष्टमी 30 सितंबर मंगलवार और महानवमी 1 अक्टूबर बुधवार को होगी. इन दिनों में संधि पूजा, श्रृंगार पूजा, संकल्पित पाठ, हवन, पुष्पांजलि और कन्या पूजन किया जाएगा. भक्त माता को फूलों, वस्त्रों, आभूषणों और श्रृंगार सामग्री से सुशोभित करेंगे. इसके साथ ही विभिन्न व्यंजन, मिष्ठान्न, ऋतुफल और मेवा का भोग अर्पित कर महाआरती की जाएगी. ये पूजा-अर्चना न केवल आध्यात्मिक बल्कि लौकिक और परलौकिक उन्नति की कामना के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है.