Vayam Bharat

पटना में प्रदर्शन को लेकर प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों पर FIR दर्ज, BPSC छात्रों को उकसाने का आरोप

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के हंगामा प्रदर्शन के मामले में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों को उकसाया, उन्हें सड़क पर लाकर हंगामा करने के लिए प्रेरित किया. इसके चलते उनके खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. इस मामले में प्रशांत किशोर समेत 21 से अधिक नामजद और 600 से अधिक अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.

Advertisement

पटना के जिलाधिकारी ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान हुई अव्यवस्था और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के कारण ये कार्रवाई की गई है. मामले की जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.

नीतीश सरकार से बातचीत के इरादे से निकले थे छात्र

बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. आज वे गांधी मैदान से इस मकसद से निकले थे कि उनकी नीतीश कुमार सरकार से बातचीत होगी, लेकिन बीच में ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई. कैंडिडेट्स नहीं रुके और वे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे. आखिर में जब वे जेपी गोलंबर पहुंचे तो पुलिस ने उनपर पानी की बौछारें कर दीं. इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया और फिर उन्हें जेपी गोलंबर से उन्हें हटा दिया गया है.

प्रशांत किशोर की अगुवाई में निकाला गया था मार्च

दरअसल, अभ्यर्थियों का कहना है कि कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद नीतीश कुमार सरकार ने  उनसे बातचीत नहीं की. इसके बाद प्रशांत किशोर की अगुवाई में उन्होंने सचिवालय की तरफ मार्च करने का फैसला किया. गांधी मैदान से वे रविवार शाम सरकार से बातचीत करने के लिए निकले थे. उन्हें रोकने के लिए बिहार पुलिस ने कई लेयर में बैरिकेडिंग भी की. होटल मौर्य पर भी बैरिकेडिंग की गई लेकिन अभ्यर्थी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े, जहां बिहार पुलिस उन्हें रोकने के लिए पहुंच गई.

प्रशांत किशोर क्या बोले?

गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “एक दिन नारे लगाने से कुछ नहीं होगा. बिहार में छात्रों का जीवन कई सालों से बर्बाद हो रहा है. यह लड़ाई लंबे समय तक चलानी होगी और इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा.” उन्होंने किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि किसान दिल्ली में सालों तक डेरा डालकर बैठे थे, तभी कुछ हुआ. उन्होंने कहा, ‘बिहार में डोमिसाइल नीति में बदलाव, पेपर लीक और नौकरियों में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है, तो बिहार के छात्रों को एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी.’

संजय सिंह ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना

बिहार में BPSC परीक्षा में कथित धांधली के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की. उन्होंने X पर पोस्ट लिखकर कहा- “BPSC अभ्यर्थियों पर पुलिस का जानलेवा लाठीचार्ज हुआ. कई दिनों से अनशन पर बैठे युवाओं के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया. यह सरकार की तानाशाही का उदाहरण है. नीतीश जी, आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी. सरकार छात्रों की मांगों का समाधान करे. देश लाठी से नहीं, संवाद और संविधान से चलेगा.”

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस ने भी पुलिस कार्रवाई को क्रूर बताते हुए नीतीश सरकार की आलोचना की. कांग्रेस ने कहा, “पहले भीषण ठंड में युवाओं पर वॉटर कैनन चलवाया गया, और फिर बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया. पुलिस ने ताबड़तोड़ तरीके से लाठियां बरसाईं और किसी को भी नहीं बख्शा.” कांग्रेस ने आगे कहा कि सरकार को अपना अहंकार छोड़कर युवाओं से बात करनी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए.

Advertisements